धारचूला । भारत-नेपाल के बीच हालिया तल्ख बयानों के बावजूद दोनों के बीच रोटी-बेटी वालों संबंधों को जरा भी आंच नहीं आई है। इसी रिश्ते की खातिर मंगलवार को धारचूला का अंतरराष्ट्रीय झूला पुल 15 मिनट के लिए खोला गया। भारत से दूल्हा बरात संग नेपाल पहुंचा और 10 मिनट में शादी कर दुल्हन को लेकर लौट भी आया। पुल के गेट पर माता-पिता ने अपनी बेटी को आशीर्वाद देकर विदा किया।
नेपाल की वर्तमान सरकार की ओर से भले ही भारत विरोध का झंडा बुलंद किया जा रहा हो लेकिन, आमजन के लिए रिश्तों में जरा भी फर्क नहीं पड़ा है। मंगलवार को भारत के जीवी गांव के कमलेश चंद्र की बरात नेपाल जानी थी। साथ ही नेपाल से कुछ लोगों को उपचार व खरीदारी के लिए यहां आना था। रोटी-बेटी के संबंधों को निभाते आ रहे भारत और नेपाल प्रशासन के बीच सहमति बनी तो लंबे समय से सील अंतरराष्ट्रीय झूला पुल 15 मिनट के लिए खोला गया।
पुल खुलते ही कमलेश बरात लेकर नेपाल पहुंच गए। बरात में केवल दूल्हे के पिता ही पुल पार गए। पुल से सटे दार्चुला कस्बे में दुल्हन राधिका भी तैयार थी। दस मिनट के बीच शादी की मुख्य रस्म के तहत फेरे हुए। पुल खुलने की अवधि 15 मिनट को ध्यान में रख दूल्हा कमलेश दुल्हन राधिका को लेकर भारत भी लौट आया। विवाह की शेष रस्म दूल्हे के घर पर पूरी होंगी। जीवी गांव धारचूला से करीब 84 किमी और पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से छह किमी की दूरी पर है।
लॉकडाउन से टल गई थी शादी
दुल्हन राधिका ने बताया कि उनकी शादी मार्च में होनी थी परंतु, लगातार लॉकडाउन के चलते नहीं हो पा रही थी। प्रशासन का धन्यवाद, जिसने हमारी मुश्किल आसान की। दूल्हा कमलेश चंद्र ने पिथौरागढ़ के डीएम डॉ. वीके जोगदंडे और एसडीएम धारचूला एके शुक्ला तथा नेपाल प्रशासन का आभार जताया। कमलेश बोले, भले ही पुल 15 ही मिनट खुला परंतु इससे दोनों परिवारों को राहत मिली है। आज शादी नहीं हो पाती तो फिर नवंबर तक प्रतीक्षा करनी पड़ती।
मरीज और आमजन को भी राहत
15 मिनट के लिए पुल खुलने के दौरान नेपाल से एक रोगी सहित सात लोग भारत आए। भारत से भी 15 लोग नेपाल गए। सभी की थर्मल स्केनिंग की गई। दूल्हा कमलेश और रोगी की ओर से जिला प्रशासन को पूर्व में आवेदन भी किया गया था। दुल्हन राधिका को शादी के बाद भारत में अपने ससुराल होम क्वारंटाइन पर रहना होगा। प्रशासन के मुताबिक एहतियातन ऐसा करना जरूरी होगा।