पिथौरागढ़। संवाददाता। चुनाव बहिष्कार का एलान कर चुके विकासखंड धारचूला के मेतली व कनार के ग्रामीणों का आक्रोशे जनमिलन केंद्र में अधिकारियों के नहीं पहुंचने से और बढ़ गया है। अधिकारियों के नहीं पहुंचने से निराश ग्रामीण अपने पूर्व में दिए गए चुनाव बहिष्कार की चेतावनी पर अडिग रहे। ग्रामीणों ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जताएंगे।
गुरूवार को मुख्य विकास अधिकारी के आदेशानुसार विभिन्न विभागों को मेतली, कनार समेत कई गांव के ग्रामीणों को मतदान के लिए मनाने व उनकी समस्याओं को सुनने के लिए जनमिलन केंद्र भौरकोट में बैठक आयोजन किया गया था। जिसके तहत कनार, मेतली क्षेत्र के कई गांवों के करीब 250 ग्रामीण दस से बीस किमी पैदल चलकर समय से जनमिलन केंद्र पहुंच गए, मगर घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई भी विभागीय अधिकारी जनमिलन केंद्र नहीं पहुंचा। अधिकारियों के बैठक में नहीं पहुंचने से ग्रामीणों का पारा चढ़ गया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह से उन्हें बैठक में बुलाकर अधिकारियों का खुद नहीं पहुंचना उनके साथ भद्दा मजाक करना है। ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि यदि शासन-प्रशासन में बैठे नुमाइंदों को उनकी समस्याओं को सुनने का समय नहीं है तो वह लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध करना भी जानते है। बता दें कि मेतली व कनार गांव में मूलभूत सुविधाओं का बेहद अभाव है। जिसे लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का एलान किया है। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि बैठक में शामिल होने के लिए युवाओं की पीठ पर बैठकर आए थे कई बुजुर्ग।