तीन कुमाऊं राइफल्स की वीरता व अदम्य साहस की वीरगाथा जवानों को बताते हुए उसे अक्षुण्ण बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश की अग्रणी वीर पल्टन की बहादुरी की परंपरा उच्च रही है। यह आगे भी हमेशा जारी रहनी चाहिए। जनरल रावत ने सेवानिवृत्त जवानों व वीर नारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें किसी भी तरह की समस्या नहीं आएगी। उन्होंने सेना के अधिकारियों को सेवानिवृत्त जवानों व वीर नारियों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने का निर्देश दिये।
पिथोरागढ़ (संवाददाता) : तीन कुमाऊं राइफल्स की स्थापना के शताब्दी समारोह में थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने भव्य सेरेमोनियल परेड का निरीक्षण किया। जनरल रावत ने मार्चपास्ट की सलामी ली। इस मौके पर जवानों को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि तीन कुमाऊं रेजीमेंट अपनी वीरता और बहादुरी के जज्बे को अक्षुण्ण बनाये रखे। उन्होंने कहा कि तीन कुमाऊं सेना की शान है। तीन कुमाऊं राइफल्स की स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत सोमवार को प्रात: नौ बजे आर्मी हैलीपैड पर उतरे। इसके बाद उन्होंने सेना मुख्यालय मैदान में परेड की सलामी ली।
उन्होंने कहा कि 23 अक्तूबर 1917 को गठित कुमाऊं की इस पहली बटालियन के नाम 800 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाने का रिकॉर्ड है। वर्ष 1920-21, वर्ष 1930-32 में यूरोप में हुई लड़ाइयों में तीन कुमाऊं रेजीमेंट के बहादुर जवानों ने अदम्य वीरता का परिचय दिया।
उन्होंने तीन कुमाऊं राइफल्स की वीरता व अदम्य साहस की वीरगाथा जवानों को बताते हुए उसे अक्षुण्ण बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश की अग्रणी वीर पल्टन की बहादुरी की परंपरा उच्च रही है। यह आगे भी हमेशा जारी रहनी चाहिए। जनरल रावत ने सेवानिवृत्त जवानों व वीर नारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें किसी भी तरह की समस्या नहीं आएगी। उन्होंने सेना के अधिकारियों को सेवानिवृत्त जवानों व वीर नारियों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने का निर्देश दिये।
इस अवसर पर जनरल रावत ने चीफ पोस्ट मास्टर जनरल उत्तराखंड के साथ कुमाऊं राइफल्स के स्वर्णिम इतिहास के स्मृति चिह्न के रूप में निर्मित डाक टिकट को जारी किया। जवानों ने बटालियन के मिलिट्री बैंड की धुन पर भव्य मार्च पास्ट किया। जनरल रावत ने बटालियन की ओवरआल चैंपियन कंपनी को बैनर एवं सराहनीय कायरे के लिए जवानों को पुरस्कृत किया। इस मौके पर सेना के उच्चाधिकारी व जवान मौजूद रहे।