- बीते रोज प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने संगठन के इतर अपने ढपली अपना राग अलाप रहे नेताओं को फटकार लगाने वाली कड़ी चिट्ठी के बाद आज प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी मनमानी कर रहे नेताओं पर निशाना साधा
- अब प्रीतम सिंह ने अपनी तो कहा दी, इस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत क्या प्रतिक्रिया करते हैं, देखना दिलचस्प होगा।
देहरादून : कांग्रेस की गुटीय राजनीति में एक बार फिर गर्मी आ रही है। यदि यह कहा जाय की उत्तराखंड कांग्रेस में मच मच शुरू हो गई है तथा इशारों-इशारों में तंज और निशानेवाजी का खेल चरम पर है, तो गलत न होगा।
बीते रोज प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने संगठन के इतर अपने ढपली अपना राग अलाप रहे नेताओं को फटकार लगाने वाली कड़ी चिट्ठी के बाद आज प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी मनमानी कर रहे नेताओं पर निशाना साधा
प्रीतम कहने हैं, “मैंने तीन-तीन प्रदेश अध्यक्षों के साथ काम किया और पूरा सहयोग भी किया। अब मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं तो सभी को पीसीसी का सहयोग करना ही चाहिए। अब ये थोड़े ही कि कल मैं अध्यक्ष पद से हट जाऊं तो खुद ही चौथा फ्रंट खोल लूं?” अब प्रीतम सिंह ने अपनी तो कहा दी, इस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत क्या प्रतिक्रिया करते हैं, देखना दिलचस्प होगा।
राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में प्रीतम ने बेहद संजीदगी से कहा कि, प्रदेश में कांग्रेस के सभी नेता, आनुषंगिक संगठन काम कर रहे हैं। निश्चित रूप से उन्हें पीसीसी के साथ समन्वय करके काम करना चाहिए। पूरी कांग्रेस को एक दिखना चाहिए। जनता कांग्रेस के साथ है। मैं भी यूपी के जमाने से राजनीति कर रहा हूं। मैंने एक नहीं तीन-तीन अध्यक्ष देखें हैं। हरीश रावत, यशपाल आर्य और किशोर उपाध्याय के नेृतृत्व में काम किया है।
आज प्रीतम सिंह अध्यक्ष हैँ तो सबकी जिम्मेदारी है कि सहयोग करें। कल प्रीतम सिंह ने भी हटना है। किसी और ने अध्यक्ष बनना है। अगर मैं हट गया तो क्या चौथा फ्रंट खोल लूंगा? सभी को पार्टी लाइन के अनुसार ही चलना होगा। माना कि कल मैं अध्यक्ष न रहा तो क्या पार्टी की लाइन से हटकर थोड़े ही बयान देने लगूंगा?
सूत्रों के अनुसार प्रीतम का इशारा पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और कुछ बयानबहादुर नेताओं की ओर था। दून में रहने पर रावत काफी सक्रिय रहते हैं। कई बार उनके कार्यक्रमों की सूचना पीसीसी तक को नहीं होती। अभी हाल में बैलगाड़ी यात्रा, राजभवन कूच, पेट्रोल पंप पर धरना जैसे कार्यक्रमों की पीसीसी को सूचना तक न थी। इसी प्रकार किशोर भी वनाधिकार आंदोलन छेड़े हुए हैं।
कुछ दिन पहले प्रदेश उपाध्याक्ष जोत सिंह बिष्ट का राष्ट्रपति शासन लगाने और प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का भगवान कृष्ण और कोरोना पर बयान सुर्खियों में रहा। पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को देखते हुए दो जुलाई को प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने प्रीतम को पत्र भेजते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।