आज उत्तराखण्ड की अस्थाई राजधानी देहरादून स्थित विधानसभा भवन में उत्तराखण्ड़ प्रदेश कांगे्रस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ एक सर्वदलीय एवं सर्वपक्षीय विरोध प्रदर्शन किया गया। भारी संख्या में कार्यकर्ता श् किशोर उपाध्यक्ष, एस0एन0 सचान प्रदेश अध्यक्ष सपा एवं सीपीआई के समर भण्डारी की उपस्थिति में एकत्रित हुए एवं सरकार से भराड़ीसैण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की। बड़ी तादाद में लोग ’’ग्रीष्म-शीत सब धोखा है भराड़ीसैण को स्थाई राजधानी घोषित करो मौका है’’ यह नारा लगाते हुए विधानभवन के द्वार तक पहॅुचे जहाॅ पुलिस प्रशासन के साथ कार्यकर्ताओं की नोंकझोंक हुई। कार्यकर्ता किशोर उपाध्यक्ष के नेतृत्व में विधानसभा के द्वार पर ताला जड़ने के लिए जोर अजमाइस कर रहे थे। इस मौके पर श्री किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखण्ड़ छोटा राज्य होने के साथ-साथ एक गरीब राज्य भी है वह दो-दो राजधानियों का खर्चा वहन करने की स्थिति में नही है। और वेसे भी दो-दो राजधानियां होना दासता का प्रतीक है। विधानसभा द्वार पर ताला इसलिए मारा जा रहा है कि सारी सरकार जब भराड़ीसैंण है तो देहरादून के विधानभवन में स्टाफ की लम्बी फौज का क्या औचित्य है? ताला इसलिए भी जरूरी है कि सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि अब भविष्य में भराड़ीसैंण से ही राजधानी संचालित हो। भराड़ीसैंण को मात्र ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाकर सरकार ने ना सिर्फ राज्य के आन्दोलनकारियों का अपमान किया है बल्कि इस आन्दोलन के दौरान शहादत देने वालों की भावनाओं को भी आहत किया है साथ ही साथ सरकार के इस निर्णय से 20 सालों से लंबित स्थाई राजधानी का मुद्दा एक बार फिर लटक गया है। जिस विश्वास के साथ उत्तराखण्ड की जनता ने भाजपा को पं्र्रचण्ड बहुमत एवं डबल इंजन की सरकार दी ऐसे में उत्तराखण्ड को स्थाई राजधानी देने का इससे सुनहरा एवं मुफीद समय कौन सा होगा?