देहरादून। संवाददाता। चुनाव के दौरान सरकारी संपत्ति पर पोस्टर चिपकाने और आचार संहिता लागू होने के बावजूद चुनाव प्रचार करने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष अदालत में इसके पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाया। इस मामले में अंतिम बहस 15 सितंबर को पूरी हुई थी।
दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल साल 2007 में ऋषिकेश विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी थे। तब उनपर आचार संहिता के दौरान प्रचार करने और रायपुर थाना क्षेत्र के कुछ स्कूलों और सरकारी संपत्ति पर पोस्टर-बैनर लगाने का आरोप लगा था। इस मामले में प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ उत्तराखंड लोक संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
15 सितंबर को इस मामले में अंतिम बहस पूरी हुई। मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष अदालत में पेश हुए। अपने बचाव में उन्होने पूर्व में कहा था कि उन्हें या उनके समर्थकों को पोस्टर लगाते किसी ने नहीं देखा। इसके अलावा अभियोजन पक्ष की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किया जा सका, जिससे स्पष्ट होता हो कि पोस्टर-बैनर प्रेमचंद अग्रवाल या उनके समर्थकों ने लगाए थे।