देहरादून। संवाददाता। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एक बार फिर अपनी उपेक्षा से आहत हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 14-15 बार उनकी उपेक्षा हो चुकी है। साथ ही यह भी जोड़ा कि अभी लोकसभा चुनावों का समय है और वह राहुल गांधी का हाथ मजबूत करने का काम करेंगे। पार्टी भले ही चुनावों में उन्हें कोई काम दे या न दे। उन्हें कोई भी कांग्रेस को वोट देने से नहीं रोक सकता।
कांग्रेस की शनिवार को हुई परिवर्तन रैली में कई नेताओं ने अपना संबोधन दिया, लेकिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को मंच पर संबोधन के लिए नहीं बुलाया गया। इससे वह काफी आहत हुए। उनके शुभचिंतकों ने उनकी इस उपेक्षा पर काफी दुख भी जताया।
किशोर उपाध्याय ने ट्वीट करने के साथ ही फेसबुक पर एक पोस्ट डाली। इसमें उन्होंने लिखा कि वह कांग्रेस के उन साथियों के आभारी हैं, जिन्होंने फोन पर और व्यक्तिगत रूप से मिलकर रैली में उनके साथ हुए व्यवहार पर चिंता जताई। वे अपने सभी साथियों से विनम्र निवेदन करते हैं कि यह समय राहुल गांधी के हाथों को सुदृढ़ करने का है।
वहीं, मीडिया से इस संबंध में पूछे गए सवाल पर उनकी पीड़ा बाहर आ ही गई। उन्होंने कहा कि जब वह अध्यक्ष थे, तब उन्होंने पार्टी को एकजुट करने की कोशिश की। उस समय जो दल को छोड़ कर गए, उसमें उनका कोई दोष नहीं। कांग्रेस की हार में भी उनका दोष नहीं है।
उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में सरकार गिराने का प्रयास हुआ तो सड़कों पर उतर कर उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया। किशोर ने कहा, मेरा अपमान करो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। रैली में टिहरी लोकसभा सीट के कई लोग आए थे, लेकिन टिहरी के किसी नेता को बोलने का मौका नहीं दिया गया।
कहा कि मैने एक पास के लिए बोला तो भी नहीं मिला। बाकी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा जा सकते हैं तो किशोर उपाध्याय क्यों नहीं। जब बाकी प्रदेश अध्यक्ष लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं तो किशोर क्यों नहीं। यह भी कोई बात नहीं, लेकिन इससे कांग्रेस को नुकसान होता है।
हालांकि, उन्होंने इस बारे में किसी से नहीं कहा। कल से कई लोग आकर इस बात की चिंता कर रहे थे। कहा कि मैने कहा कि मुख्य लक्ष्य सभी सीटें जीतना और राहुल गांधी को जिताना हमारा काम है। जिसे लगता है कि किशोर उपाध्याय कांग्रेस में रहेगा तो उनके निजी हितों को नुकसान होगा तो बेहतर होगा कि वह सीधे मुझसे आकर कह दे कि हमें आपकी जरूरत नहीं है।