भाजपा और कांग्रेस के अलावा कोई नहीं बचा सका जमानत

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड में हमेशा से ही बीजेपी और कांग्रेस में मुख्य मुकाबला रहा है. हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर के मैदानी क्षेत्रों में ज़रूर बीएसपी का कुछ असर रहा और पार्टी यहां विधायक बनाने में कामयाब रही है। कांग्रेस की विजय बहुगुणा-हरीश रावत सरकार में तो बीएसपी और निर्दलीय किंगमेकर की भूमिका में भी रहे हैं। लेकिन लोकसभा में यह सारा खेल बदल जाता है। आंकड़े बताते हैं कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा कोई भी पार्टी या प्रत्याशी यहां ज़मानत तक नहीं बचा पाता।

बता दें कि ज़मानत राशि बचाने के लिए कुल मतदान के छठे हिस्से जितने वोट पाना ज़रूरी होता है. लेकिन उत्तराखंड में जहां वोट दो ही पार्टियों के बीच बंटते हों यह संख्या बहुत बड़ी लगती है।

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