दिल्ली। संसद में मंगलवार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क बुनियादी ढांचे की मांग अनुदान को लेकर चर्चा पर जवाब दिया। लोकसभा में उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच सालों में मंत्रालय ने 40,000 किलोमीटर की सड़कें बनाई हैं। यह पिछले पांच सालों में बने पांच राजमार्गों की तुलना में 60 प्रतिशत ज्यादा है। इसके अलावा वह पिछले पांच सालों की तुलना में भी 60 प्रतिशत ज्यादा है।’ उन्होंने आगे कहा कि फंड की कोई कमी नहीं है। उत्तर प्रदेश और बिहार को बजट में सबसे ज्यादा फंड मिले हैं।
राज्यसभा की बात करें तो अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक मंगलवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करने का एलान किया। लेकिन इसी दौरान कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, भाकपा और माकपा सदस्यों ने अपने अपने मुद्दे उठाने शुरू कर दिए।
अन्नाद्रमुक, द्रमुक, भाकपा और माकपा सदस्यों ने केंद्र सरकार से तमिलनाडु में डाकिया और अन्य पदों के लिए हुयी डाक विभाग की परीक्षा रद्द करने की मांग की। इन सदस्यों ने कहा कि यह परीक्षा नए सिरे से ली जानी चाहिए जिसमें प्रश्न हिंदी, अंग्रेजी के साथ साथ तमिल में भी पूछे जाने चाहिए। उच्च सदन में यह मुद्दा कल भी शून्यकाल के दौरान उठाया गया था। सभापति एम वेंकैया नायडू ने डाक विभाग की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों से कहा कि वह कल यह मुद्दा उठा चुके हैं। कांग्रेस सदस्यों ने कर्नाटक का मुद्दा उठाया।
नीरज शेखर ने दिया इस्तीफा
राज्यसभा के अध्यक्ष नायडू ने सदन को सूचित किया कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता नीरज शेखर का उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा ‘मैंने जांच की और शेखर से बात भी कही। मैंने पाया कि यह इस्तीफा नीरज ने स्वेच्छा से दिया है। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद मैंने 15 जुलाई से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।’ नायडू ने कहा कि राज्यसभा के नियम 213 (सदन संचालन से संबंधित नियम एवं प्रक्रिया) के तहत उन्होंने नीरज शेखर का इस्तीफा स्वीकार किया है। इस नियम के अनुसार, अगर कोई सदस्य सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहता है तो उसे लिखित में इस्तीफा देना होगा और सभापति को इसकी सूचना देना होगा। अगर सभापति इस्तीफे को लेकर संतुष्ट हो जाते हैं तो वह इसे तत्काल स्वीकार कर सकते हैं।
पंचायतों में 50 फीसदी महिला आरक्षण पर विचार
केंद्रीय पंचायती राजमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पूरे देश की पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण करने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। लोकसभा में पिनाकी मिश्रा, अधीर रंजन चैधरी, सुनील कुमार पिंटू और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में तोमर ने यह भी कहा कि देश भर की पंचायतों में 31 लाख से अधिक जनप्रतिनिधि हैं और इनमें 46 फीसदी जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि अभी बिहार, कर्नाटक, ओडिशा और मध्य प्रदेश सहित 20 राज्यों की पंचायतों में महिलाओं के लिए लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। पूरे देश में 50 फीसदी आरक्षण के बारे में चर्चा चल रही है।