बेनाम संपत्तियों का ब्योरा स्पष्ट करे सरकार- इंदिरा

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देहरादून। संवाददाता। भले ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा बेनामी सम्पत्तियों को जब्त करने और बेनामी सम्पत्ति कानून को सख्त बनाने की बात कह रहे हों लेकिन उनकी घोषणाओं पर अभी किसी को भी भरोसा नहीं हो पा रहा है। नेता विपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि बेनामी सम्पत्तियों को जब्त करने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री रावत के पास अगर इन बेनामी सम्पत्तियों का कोई ब्यौरा है तो उसे सार्वजनिक करें।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अभी एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बेनामी सम्पत्तियों को जब्त करने व उसका उपयोग स्कूल, कालेज, अस्पताल आदि सामाजिक कार्यो के लिए करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री का कहना है कि बेनामी सम्पत्ति पर एक सख्त कानून बनाने के लिए मानसून सत्र में प्रस्ताव लाया जायेगा और इसके लिए विशेष अदालतों का गठन किया जायेगा। हालंाकि विपक्षी नेताओं द्वारा उनकी इस घोषणा को शगुफा करार दिया था तथा भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का मजाक उड़ाते हुए उनसे लोकायुक्त गठन पर भी सवाल पूछे जा रहे है। लेकिन सत्ता पक्ष सीएम की इस पहल की जी भर के प्रशंसा भी कर रहा है।

इस बीच नेता विपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री ने बेनामी सम्पत्ति रखने वालों की कुंडली तैयार करवा ली थी तो वह बेनामी सम्पत्तियों का ब्यौरा सार्वजनिक करें। जिससे उनकी घोषणाओं के प्रति उनकी गम्भीरता का भी पता चल सके और प्रदेश की जनता को भी पता चल सके कि किस नेता और अधिकारी के पास कितनी बेनामी सम्पत्ति है। उनका कहना है कि कब वह कानून बनायेगें और कब उस कानून पर अमल करते हुए वह बेनामी सम्पत्तियों को जब्त करेंगे यह समय ही बतायेगा। इसमें कहीं उनका पूरा कार्यकाल ही न बीत जाये। जिस लोकायुक्त का गठन वह 100 दिन में कर रहे थे वह तो अभी दो साल में भी नहीं हो सका है। उनका कहना है कि लेेकिन घोषणा करने में क्या जाता है। सीएम पहले बेनामी सम्पत्ति की परिभाषा तो बताये। सरकार किसी से बदला लेने के लिए नहीं होती।

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