देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड क्रांति दल अब गैरसैंण व जल, जंगल, जमीन के मुद्दे पर जनता के बीच जाएगा। विशेषकर गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने के मुद्दे पर भविष्य में निर्णायक आंदोलन भी चलाया जाएगा। इसके लिए जनता के बीच जाकर उनका समर्थन मांगने के साथ ही दल को मजबूत किया जाएगा।
उत्तराखंड क्रांति दल की देहरादून स्थित सर्किट हाउस में शुरू हुई दो दिवसीय कार्यसमिति के पहले दिन गैरसैंण व जल जंगल जमीन के मुद्दे पर गहन मंथन किया गया। उक्रांद ने हाल ही में सभी धड़ों को एक मंच के नीचे लाने में सफलता प्राप्त की है। अब दल आगामी निकाय चुनावों के मद्देनजर खुद की जड़ें मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
सर्किट हाउस में दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट के नेतृत्व में दल की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पहले दिन मुख्य फोकस गैरसैंण पर ही रहा। वक्ताओं ने कहा कि राज्य आंदोलन की गर्त से ही पार्टी का जन्म हुआ है। आंदोलनकारियों की मूल भावना के अनुसार गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
निर्णय लिया गया कि इसके लिए दल भविष्य में वृहद स्तर पर आंदोलन चलाएगा। जल्द प्रदेश स्तर पर आंदोलन की रूपरेखा तय करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रदेश में लगातार कट रहे जंगलों पर भी चिंता प्रकट की गई।
वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में सड़कों के चैड़ीकरण के नाम पर अंधाधुंध तरीके से पेड़ काटे जा रहे हैं। इसके बाद इन्हें प्रदेश से बाहर भेजा जा रहा है। निर्णय लिया गया कि वन पंचायतों को इन पेड़ों से होने वाले राजस्व का हिस्सा दिलाने के लिए भी दल संघर्ष करेगा।
प्रदेश कार्यसमिति के दूसरे और अंतिम दिन संगठन को मजबूत करने और दल में अनुशासन कायम करने पर चर्चा होगी। बैठक में दल के वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी, बीडी रतूड़ी, त्रिवेंद्र सिंह पंवार, पुष्पेश त्रिपाठी के अलावा महामंत्री जयदीप भट्ट, जयप्रकाश उपाध्याय व डीके पाल आदि मौजूद थे।