देहरादून। शीतकालीन विधानसभा सत्र के पहले ही दिन आज यानी बुधवार को हंगामे के आसार बन गए हैं। सरकार की ओर से चार महत्वपूर्ण अध्यादेश पहले ही दिन सदन के पटल पर रखे जाने की तैयारी है। दूसरी तरफ, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने गैरसैंण सहित श्राइन बोर्ड और अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति तय की है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के मुताबिक जरूरत पड़ी तो सदन को दस दिसंबर से आगे भी बढ़ाया जा सकता है। सरकार इस सत्र में अनुपूरक बजट भी लेकर आ रही है और विपक्ष इसका विरोध करने का मन भी बना रहा है।
मंगलवार को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में केवल बुधवार के कार्य को ही मंजूरी दी गई। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बताया कि बुधवार को सरकार चार अध्यादेशों को सदन के पटल पर रखेगी। पूरे सत्र के दौरान दस विधेयक आएंगे। इसमें से तीन विधेयक नए हैं। इसके अलावा कई संकल्प भी हैं जिन पर सदन में चर्चा होगी।
मंगलवार को सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं ने सदन को व्यवस्थित रूप से चलाने पर सहमति जताई। संसदीय कार्यमंत्री के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सदन को व्यवस्थित रूप से चलाने देने का आश्वासन दिया है। बुधवार को देर शाम आगे के कार्य तय करने के लिए कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी।
विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाने का संकेत दिया
उधर, विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाने का संकेत दिया है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि विपक्ष प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों को सदन में पुरजोर तरीके से उठाएगा। विपक्ष इस समय श्राइन बोर्ड, परिवहन के बसों की खरीद, गन्ना मूल्य भुगतान, गैरसैंण, सहित अन्य कई मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही देवभूमि तीर्थ पुरोहित भी विधानसभा कूच का ऐलान कर चुके हैं।
विपक्ष सदन में जो भी मुद्दे उठाएगा, सरकार जवाब देगी। हम तो चाहते हैं कि विपक्ष होमवर्क करके आए। संसदीय कार्य नियमावली के अधीन राज्य के लिए महत्वपूर्ण मसलों को सदन में लाया जाएगा।
– मदन कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री
छह माह बाद सत्र हो रहा है। हमारे पास कई मुद्दे हैं। इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। सरकार हमारे सवालों का सही तरीके से जवाब देगी तो हम भी सदन को व्यवस्थित रूप से चलाने में सहयोग करेंगे।
– इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष
सर्वदलीय बैठक में सभी दलीय नेताओं से कहा गया है कि सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने में सहयोग करे। जो भी विधेयक सदन के पटल पर रखा जाएगा उस पर चर्चा की जाएगी और जरूरत पड़ी तो सत्र को आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
– प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष