मुंबई मनोरंजन जगत में काम करने वाले कलाकारों की सबसे बड़ी संस्था सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सिन्टा) के बीते हफ्ते हुए चुनाव में कलाकारों का स्नेह और समर्थन पाकर अभिनेता हेमंत पांडे अभिभूत हैं। इस चुनाव में सबसे ज्यादा वोट अभिनेता मुकेश ऋषि को मिले और दूसरे नंबर पर हेमंत रहे। टेलीविजन और सिनेमा के वरिष्ठ कलाकार हेमंत पांडे सिन्टा की जल्द गठित होने जा रही कार्यकारिणी में कौन सा पद लेने वाले हैं, इस बारे में तो अभी स्थिति साफ नहीं है, लेकिन वह कहते हैं कि मुंबई में बनने वाली फिल्मों, धारावाहिकों और ओटीटी सीरीज में कलाकारों के चयन में पारदर्शिता लाना उनकी पहली प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।
तीन दशक से अभिनय में सक्रिय
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में जन्मे हेमंत पांडे बीते तीन दशक से अभिनय में सक्रिय हैं। रंगमंच पर काफी काम करने के बाद साल 1996 में प्रसारित धारावाहिक ‘ताक झांक’ में उनके अभिनय की खूब चर्चा हुई। फिर ‘ऑफिस ऑफिस’ में भी उन्होंने खूब रंग जमाया। छोटे परदे की लोकप्रियता ही हेमंत को जल्द ही बड़े पर लेकर आई। ‘मुझे कुछ कहना है’ और ‘रहना है तेरे दिल में’ के बाद उन्हें बड़ा मौका मिला ऋतिक रोशन की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘कृष’ में उनके दोस्त का। हेमंत पांडे ने उसके बाद फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। अभी बीते हफ्ते रिलीज हुई फिल्म ‘लव यूं शंकर’ में भी उनकी भूमिका की खूब चर्चा हो रही है।
इतना प्यार मिला, मैं अभिभूत हूं
हेमंत कहते हैं, ‘पहले तो मैं इस चुनाव में खड़े होने का मन ही नहीं बना पा रहा था। मैं बिना लाग लपेट के बात कहने का आदी रहा हूं और मुझे लगा कि कार्यकारिणी में चुने जाने के बाद भी अगर मैं मन की बात नहीं कह पाया तो फिर मेरे चुनाव लड़ने का फायदा होगा ही नहीं। फिर लोगों के कहने पर मैं चुनाव लड़ा और ये देखकर भावविह्वल हो गया कि इतने सारे लोग मुझे चाहते हैं। मुझे बढ़ चढ़कर वोट देने वाले सारे कलाकारों का मैं आभारी हूं और खुद को इस स्नेह के लिए कृतज्ञ महसूस करता हूं।’
सिन्टा को जागृत संस्था बनाएंगे
हेमंत पांडे को सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सिन्टा) के बीते हफ्ते हुए चुनाव में कुल 517 वोट मिले। इस पूरे चुनाव में पांच सौ से ज्यादा वोट पाने वाले मुकेश ऋषि के बाद वह दूसरे अभिनेता हैं। इस चुनाव में सिर्फ इन्हीं दो अभिनेताओं को पांच सौ से ज्यादा वोट मिले। सिन्टा पर कलाकारों के हित में सक्रिय न रहने और एक सुप्त संस्था बन जाने के आरोपों के बारे में हेमंत कहते हैं, ‘हमने ये चुनाव लड़ा ही इसी मुद्दे पर है कि हम सिन्टा को एक जागृत संस्था बनाएंगे। हमारी एकता ही हमारी शक्ति है। जो चुनाव हारे हैं, वे भी हमारे परिवार का ही हिस्सा हैं और हम किसी तरह की विद्वेष की भावना में यकीन भी नहीं रखते हैं।’
कलाकारों का चयन पारदर्शी होना जरूरी
मुंबई फिल्म जगत में कलाकारों के चयन को लेकर चलने वाली धांधली की बातें भी हेमंत पांडे तक पहुंची हैं। वह कहते हैं, ‘हां, हमें बताया गया कि इन दिनों मुख्य कलाकारों के निर्माता व निर्देशकों द्वारा चयन कर लिए जाने के बाद बाकी के कलाकारों का चयन कास्टिंग एजेंसियां ही कर रही हैं। ये भी शिकायतें मिल रही हैं कि इन कास्टिंग एजेंसियों का काम पारदर्शी नहीं हो रहा है। सिन्टा के सदस्य ये मांग भी करते रहे हैं कि मुंबई में बनने वाली फिल्मों, धारावाहिकों और ओटीटी सीरीज में दूसरी और तीसरी कतार के कलाकारों की भर्ती की सूचना सिन्टा के नोटिस बोर्ड भी लगनी चाहिए। हालांकि, कलाकारों का चयन निर्माताओं की या संबंधित प्लेटफॉर्म की पसंद पर ही होता है लेकिन सिन्टा के सदस्यों का कहना है कि कम से कम इसकी सूचना तो सार्वजनिक हो।’
सर्वमान्य हल तलाशने का वादा
इस बारे में सिन्टा की नई कार्यकारिणी और इसके नए पदाधिकारी क्या प्रयास करने वाले हैं? इस सवाल पर हेमंत पांडे कहते हैं, ‘सिन्टा के सदस्यों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए ही हम इसकी कार्यकारिणी में आए हैं। संगठन जो भी जिम्मेदारी मुझे सौंपेगा, मैं उसे पूरी तन्मयता और पूरी ईमानदारी से निभाने का प्रयास करूंगा। नई कार्यकारिणी के अधिकतर सदस्य मुंबई के बाहर से आए कलाकार ही हैं। अगर वाकई में कलाकारों के चयन में पक्षपात या भाई भतीजावाद दूसरी और तीसरी कतार के कलाकारों तक आ गया है तो ये चिंता की बात है। इन शिकायतों का हल तलाशना हमारी पहली प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा और हम इसमें पारदर्शिता लाने के लिए सभी संबंधित लोगों से मुलाकात करके सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश करेंगे।’