मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज प्रदेश में बढ़ रही जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए की जा रही व्यवस्थाओं को परखने के लिए रुद्रप्रयाग पहुंचे। उन्होंने इस दाैरान वनाग्नि को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
इसके बाद सीएम ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और जंगल में बिखरी हुई पिरूल की पत्तियों को एकत्र कर जन-जन को इसके साथ जुड़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं।
उन्होंने प्रदेश की जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आस-पास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रूप में संचालित करने का प्रयास करें।
वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है। इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। बता दें कि इस राशि को तीन रुपए से बढ़ाकर पचास रुपये किया गया है।
इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड अलग से रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार जंगल में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगी।
वन विभाग एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से काफ़ी हद तक वनाग्नि पर काबू पाया जा चुका है और जल्द ही हम जंगल की आग को पूरी तरह बुझाने में कामयाब होंगे। सीएम ने कहा कि वनाग्नि को रोकने और जन जागरूकता के लिए जल्द ही फायर लाइन बनाई जाएगी। वह खुद इसमें भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा।
सीएम ने निर्देश दिए कि वनाग्नि पर पूरी तरह से रोकने के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाए। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।