गैरसैंण में तीन दिन के मानसून सत्र को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, महज 120 मिनट (दो दिन में प्रश्नकाल की अवधि) में सरकार 500 से अधिक सवालों के जवाब कैसे देगी। उन्होंने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की।
उधर, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, बिजनेस के आधार पर ही सत्र की अवधि तय की गई है। मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, सरकार ने गैरसैंण के सत्र को रस्म अदायगी भर बना दिया है। पांच सौ से ज्यादा प्रश्न हैं। विधायकों को सदन में ही अपनी बात रखने का मंच मिलता है। दो दिन का सत्र है। पहला दिन शोक संवेदना का होगा, जिसके बाद सदन स्थगित हो जाएगा।
उन्होंने कहा, विधानसभा का हर सदस्य सदन में अपनी बात रखना चाहता है। अपने क्षेत्र की समस्या रखना चाहता है। प्रदेश के जो हालात हैं, आपदा से प्रदेश प्रभावित हैं। केदारनाथ से लेकर कई जगहों पर लोग आपदा का जख्म सह रहे हैं। ऐसे में सदन की अवधि को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि प्रदेश के हर कोने की आवाज विधायकों के माध्यम से सदन तक पहुंच सके।
दूसरी ओर, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, हमारे पास जो बिजनेस है, उसके आधार पर सत्र की अवधि तय की गई है। ये बात ठीक है कि प्रश्न आए होंगे, लेकिन आप ये भी जानते हैं कि एक दिन में अधिकतम 20 तारांकित प्रश्न लगा सकते हैं। जो अतारांकित प्रश्न हैं, वह विभाग के आधार पर नियमानुसार जवाब मिल जाता है। उन्होंने कहा, हम कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न इस अवधि में आ जाएं। सभी सदस्यों को सही जवाब मिल सके। कहा, सत्र बिजनेस के आधार पर हमने विस की समयावधि तय की है।