लोकप्रियता ने जहां प्रेमचंद अग्रवाल को लगातार चार बार विधायक बनाया। वहीं उनका उग्र और उत्तेजित होता स्वभाव उनके लिए नुकसानदायक साबित हुआ। उत्तेजित स्वभाव के चलते वह कई बार विवादों में घिरे और आखिरकार उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
वर्ष 1996 व 2000 में भाजपा देहरादून जिला अध्यक्ष के पद पर भी रहे। वर्ष 2003 में व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बने। छात्र राजनीति से लेकर क्षेत्र की राजनीति के सफर में उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की।
व्यवहार में उत्तेजना उन्हें विवादों में डालती रही
इसी का नतीजा रहा है वर्ष 2007 से वह चार बार लगातार ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए और हर बार उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया। लगातार सफलता उनके व्यवहार में भी परिवर्तन लाती गई और धीरे-धीरे उनका व्यवहार भी उग्र होता गया।