- केदारपुरी में तैयार की जाएगी दो सौ टेंट की कॉलोनी
- जीएमवीएन और निजी संचालक भी लगाएंगे टेंट
- निजी भवनों में भी रुकेंगे श्रद्धालु
केदारनाथ की आगामी यात्रा के दौरान पड़ावों से लेकर धाम तक 10 हजार श्रद्धालुओं के रात्रि प्रवास की व्यवस्था रहेगी। धाम में श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए दो सौ टेंट की कॉलोनी भी तैयार की जाएगी। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरू कर दी है।
केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं के प्रवास को लेकर कोई दिक्कत न हो, इसके लिए गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग से धाम तक टेंट/हट्स और तीर्थ पुरोहितों के भवनों में जरूरी व्यवस्था की जाएंगी। धाम में तीर्थ पुरोहितों के लिए बनाए गए पांच नए भवनों समेत पुराने भवनों में लगभग एक हजार श्रद्धालुओं को ठहराया जाएगा।
इसके अलावा एमआई-26 हेलीपैड के किनारे 100 टेंट की कॉलोनी के साथ ही केदारपुरी में ही दूसरे स्थान पर भी दो सौ टेंट की नई कॉलोनी तैयार की जाएगी, जिसमें ढाई से तीन हजार श्रद्धालुओं के रात्रि प्रवास की व्यवस्था होगी।
गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा भी हट्स/कॉटेज के अलावा एक सौ से अधिक टेंट लगाए जाएंगे। इसके अलावा केदारपुरी में अलग-अलग जगहों पर निजी लोगों को भी टेंट संचालन की अनुमति दी जाएगी। पैदल मार्ग पर छानी कैंप में पांच सौ और लिनचोली में दो हजार श्रद्धालुओं के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की जाएगी।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार केदारनाथ में यात्रा के पहले दिन से ही सात से आठ हजार श्रद्धालुओं को ठहराने की पूरी व्यवस्था रहेगी। इसके लिए जरूरी इंतजाम समय रहते पूरे कर दिए जाएंगे। साथ ही जंगलचट्टी से लिनचोली तक भी तीन हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
केदारनाथ विकास प्राधिकरण के अंतर्गत गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर यात्रा के लिए 40 स्थायी शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए शासन से चार करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। हंस फाउंडेशन द्वारा भी बीस शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चरों पर इस बार स्किन चिप लगाई जाएगी। इस चिप के जरिए घोड़ा-खच्चर की सही लोकेशन का पता लगेगा, साथ ही संचालक और श्रद्धालु की जानकारी भी मिल सकेगी।
आस्था पथ पर 480 मी. लंबा टीन शेड बनेगा
केदारनाथ में मंदाकिनी नदी किनारे बने लगभग 480 मीटर लंबे आस्था पथ पर टीन शेड का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया गया है। साथ ही यात्रियों के बैठने के लिए बेंच भी लगाई जाएगी। साथ ही दुकानों का संचालन भी किया जाएगा। टीन शेड के दोनों तरफ लाइट होगी, जिससे यात्रियों के आवागमन में दिक्कत नहीं हो।