पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 4 दिसम्बर को शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के पहले दिन गैरसैंण में सांकेतिक धरने का एलान कर चुके है। उनके धरने की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ने हरीश रावत को जिम्मेदारी मुक्त कर रखा है। हरिद्वार और नैनीताल की जनता उन्हे खाली कर चुकी है इसलिए हरीश रावत अपने खालीपन का आनन्द लें। उन्हे कौन रोक रहा है जो चाहे सो कहें जब चाहे तब करें, उनके पास भरपूर समय है इसलिए हरीश रावत को मजे लेने दीजिये।
देहरादून : राजधानी गैरसैंण पर एक बार फिर पक्ष विपक्ष के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया है। गैरसैंण में सत्र न कराये जाने के मुद्दे पर बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार और सीएम पर छींटाकशी की तो मुख्यमंत्री ने भी तंज कसने शुरू कर दिये है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 4 दिसम्बर को शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के पहले दिन गैरसैंण में सांकेतिक धरने का एलान कर चुके है। उनके धरने की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ने हरीश रावत को जिम्मेदारी मुक्त कर रखा है। हरिद्वार और नैनीताल की जनता उन्हे खाली कर चुकी है इसलिए हरीश रावत अपने खालीपन का आनन्द लें। उन्हे कौन रोक रहा है जो चाहे सो कहें जब चाहे तब करें, उनके पास भरपूर समय है इसलिए हरीश रावत को मजे लेने दीजिये।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 4 दिसम्बर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र का आयोजन गैरसैंण में कराने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि इस समय गैरसैंण में अत्यधिक ठंड पड़ रही है। जिसे हरीश रावत ने पहाड़ वासियों का अपमान बताते हुए कहा कि हमारे 70-80 साल के बड़े बुर्जुगों को जो पहाड़ों में रहते है उन्हे तो ठंड नहीं लगती। उन्होने कहा यानि मैं 72 साल का वृद्ध यह जताने व बताने के लिए 4 दिसम्बर को गैरसैंण में सांकेतिक उपवास कर रहा हूं। कि गैरसैंण राज्य आंदोलन की भावना का प्रतीक है। इस गैरसैंण में इतनी गरमाहट है कि उसने देश का दिल पिघला दिया और अलग राज्य अस्तित्व में आ गया। उन्होने सीएम को टिप्पस देते हुए गैरसैंण पर ठोस पहल करने की सलाह भी दी है।
उधर राज्य आंदोलनकारियों ने गैरसैंण को सूबे की स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर 5 दिसम्बर को विधानसभा घेराव का ऐलान कर दिया है। आंदोलनकारी 5 दिसम्बर को शहीद स्थल से एक हुकांर रैली निकालेगें और विधानसभा का घेराव करेंगे। उधर यूकेडी के तेवर भी गैरसैंण को लेकर तल्ख दिखायी दे रहे है।