गढ़वाल सीट पर कोठियाल की एंट्री से रोचक हुआ मुकाबला

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कर्णप्रयाग। आगामी लोक सभा चुनाव के लिए पौड़ी गढ़वाल सीट पर चुनावी विसात बिछनी शुरू हो गई है। नेताओं में टिकट पाने की होड़ के बाद टिकट नहीं मिलने से उनकी निराशा साफ दिख रही है।

गढ़वाल लोक सभा सीट 1957 में लोक सभा सीटों के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इस सीट पर अक्सर भाजपा और कांग्रेस का ही दबदबा रहा है, लेकिन कर्नल अजय कोठियाल की इन्ट्री से चुनाव रोचक होने के आसार हैं। गढ़वाल सीट में कुल 14 विधानसभा सीटें आती हैं। पौड़ी गढ़वाल सीट के अन्तर्गत चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी जनपद आते हैं साथ ही नैनीताल और टिहरी गढ़वाल का कुछ हिस्सा भी इस सीट में शामिल है।

राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार का चुनाव गढ़वाल लोक सभा सीट राजनेताओं के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। इन तीनों जिलों के लाखों लोगों की पहली मांग जहां गैरसैंण को उत्तराखण्ड की राजधानी बनाने के लिए प्रमुख मुद्दा रहेगा। वहीं चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास के साथ-साथ रोजगार और पलायन भी जनमुद्दों के तौर पर सामने रहेंगे। इतिहास पर गौर करें तो पौड़ी गढ़वाल सीट पर चमोली और रुद्रप्रयाग के प्रत्याशियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। कर्नल अजय कोठियाल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों बड़े दलों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। कर्नल अजय कोठियाल को लेकर युवाओं में गजब का उत्साह है।

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