रुद्रप्रयाग । मंगलवार को रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग बांसवाड़ा, तिलवाड़ा, भीरी और जामू नर्सरी के समीप अवरूद्ध रहा। जिले में 20 संपर्क मोटर मार्ग भी बंद पड़े हैं।
बता दें कि ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत निर्माणाधीन रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर बांसवाड़ा भूस्खलन जोन नए सिरोहबगड़ के रूप में परेशानी का सबब बना हुआ है। बीते चार दिनों से पहाड़ी से भूस्खलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां जगह-जगह पर पानी का रिसाव होने से हालात और भी गंभीर हो रहे हैं। ऐसे में जहां केदारघाटी का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। यहां जरूरी सामग्री की सप्लाई भी नहीं हो रही है।
बीते आठ अगस्त की रात से गौरीकुंड हाईवे बांसवाड़ा में बंद पड़ा है। यहां पहाड़ी से रुक-रुककर पत्थर व मलबा निरंतर गिर रहा है, जिस कारण वाहनों का संचालन ठप है। यहां जगह-जगह पर पानी का रिसाव से कीचड़ जमा है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो रही है। एनएच द्वारा बीते रविवार को कुछ देर बारिश थमने के दौरान मलबा साफ कर यातायात शुरू करने का प्रयास किया गया। लेकिन पुनरू पहाड़ी से भूस्खलन सक्रिय होने के कारण बात नहीं बन पाई। बदरीनाथ हाईवे पर स्थिति भूस्खलन जोन सिरोहबगड़ की तरह यह स्थान भी अति संवेदनशील बना हुआ है।
यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ के निकट मलबा आने से मार्ग बंद
लोगों का कहना है कि ऑल वेदर रोड परियोजना के पहले से ही बांसवाड़ा, सिरोहबगड़ की तरह परेशानी का सबब रहा है। यहां पर मंदाकिनी नदी की दूरी भी सड़क से बमुश्किल दस मीटर है। ऐसे में निरंतर खतरा बना रहता है। बावजूद राज्य निर्माण के 19 वर्षों में भूस्खलन जोन से निपटने के लिए कोई कार्ययोजना तक नहीं बन पाई है।
हाईवे के चार दिन से बंद होने के कारण केदारनाथ व केदारघाटी के 80 और क्यूंजा घाटी के 12 से अधिक गांवों का रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि से संपर्क कटा हुआ है। हाईवे पर भटवाड़ीसैंण में पहाड़ी से पत्थर गिरने के साथ पानी रिस रहा, जिससे सड़क कीचड़ से पटी हुई है। वहीं, निचली तरफ पुश्ता ढहने से खतरा बना हुआ है। इधर, एनएच के ईई जितेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बरसात से निर्माणाधीन हाईवे पर बांसवाड़ा समेत अन्य जगहों पर भूस्खलन से स्थिति खराब हुई है। मौसम में सुधार होते ही इन स्थानों पर प्राथमिकता से सुरक्षा और सुधारीकरण कार्य किए जाएंगे।
उत्तरकाशी में हेल्गुगाड़ के पास पहाड़ी से भूस्खलन के साथ भारी बोल्डर आने से गंगोत्री हाईवे अवरुद्ध हो गया था। सवा घंटे बाद वाहनों की आवाजाही के लिए हाईवे खोल दिया गया। वहीं यमुनोत्री हाईवे ओजरी डबरकोट में बारिश के कारण मलबा आने से रात से बंद था। जिसें आज सुबह खोल दिया गया। लेकिन यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ के निकट मलबा आने से मार्ग बंद हो गया है। चमोली में मौसम सामान्य है। यहां आसमान में बादल छाए हुए हैं। बदरीनाथ और हेमकुंड की यात्रा सुचारू है। हालांकि जिले में 19 सम्पर्क मार्ग बंद पड़े हैं।
सड़कों पर बरसी आफत, मलबे से कुमाऊं में 24 सड़कें बंद
पिछले 24 घंटों से हो रही बारिश फिर सड़कों पर भारी पड़ी है। समूचे कुमाऊं में 24 सड़कें मलबे तथा भूस्खलन से बंद रहीं। हालांकि, इनमें कई सड़कों को बाद में खोल दिया गया। बागेश्वर की डीएम रंजना राजगुरु ने मंगलवार को 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया है।
चंपावत जिले में पांच ग्रामीण सड़कें बंद हैं। इनमें बाराकोट-कोठेरा, वालिक-गागर, बाराकोट-सिमलखेत-पड़ासौसेरा, गल्लागांव-देवलमॉफी और रौशाल-डूंगराबोरा-चकसिलकोट शामिल हैं। पिथौरागढ़ जिले में चार सड़के बंद हैं। इनमें क्वीटी-सैंणराथी, सोबला-तीदांग, मदकोट-दारमा, बांस-आंवलाघाट शामिल हैं। सोमवार को अस्कोट-कर्णप्रयाग हाईवे सेराघाट के पास मलबा आने से 55 मिनट बंद रहा। शामा-तेजम सड़क सुबह 5.40 बजे ककड़सिंहबैंड के पास मलबा आने से बंद हो गई थी जिसे 9 बजे खोला जा सका।
बागेश्वर जिले में 14 सड़कें बंद हैं। समाचार लिखे जाने तक इन्हें खोलने के प्रयास जारी थे। सोमवार सुबह जिले में कुल 22 ग्रामीण सड़कें बंद हो गईं थीं। इनमें आठ सड़कों से मलबा हटाकर यातायात बहाल किया जा चुका है। अल्मोड़ा में सेराघाट-नैनी मोटर मार्ग पर आवाजाही बंद है। आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी ने बताया कि जिले में सभी ग्रामीण और राष्ट्रीय राजमार्ग खुले हुए हैं और कहीं से भी नुकसान की सूचना नहीं है। इधर, नैनीताल जिले में सभी सड़कें खुलीं हैं।
पिछले 24 घंटे में कहां कितनी बारिश (एमएम)
बेड़ीनाग: 90
कपकोट: 90
गरुड़: 75
गंगोलीहाट: 62
पिथौरागढ़: 60
बागेश्वर: 40