देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत में चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त पर जुड़वा संतान को एक माना जाएगा। शासन ने जुड़वा बच्चों पर राज्य निर्वाचन आयोग के सामने स्थिति स्पष्ट कर दी है। इस पर आयोग ने सभी जिलों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त पर जुड़वा संतान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी थी। इस पर राज्य निर्वाचन आयोग ने जुड़वा बच्चों को लेकर शासन से परामर्श मांगा था। न्याय विभाग से परामर्श लेने के बाद शासन ने स्पष्ट किया कि जुड़वा बच्चों को एक ही माना जाएगा।
इससे जुड़वा संतान वालों को चुनाव लड़ने में राहत मिली है। यदि एक संतान के बाद जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ है तो संख्या के हिसाब से तीन बच्चे हैं। ऐसे में दो बच्चों की शर्त को लेकर चुनाव लड़ने वालों में असमंजस बना हुआ था। लेकिन अब शासन ने स्पष्ट किया कि जुड़वा संतान को एक बच्चे में गणना की जाएगी।
वर्ष 2004 के निकाय चुनाव में भी बनी थी ऐसी स्थिति
वर्ष 2004 के निकाय चुनाव में भी पहली बार दो बच्चों की शर्त लागू की गई थी। उस समय भी यह सवाल प्रमुखता से उठा था कि जुड़वा बच्चों को लेकर क्या व्यवस्था रहेगी। क्या उन्हें एक माना जाएगा या फिर उनकी गणना दो के रूप में ही होगी। यहां भी जुड़वा बच्चों को एक ही माना गया था।
इस बार पंचायतीराज एक्ट में संशोधन करते हुए जब दो बच्चों की शर्त रखी गई, तो जुड़वा बच्चों का सवाल फिर से जिंदा हो गया। निर्वाचन आयोग ने शासन से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा, तो अब जाकर जवाब सामने आया है। कहीं न कहीं शासन ने निकाय चुनाव से जुड़े अनुभव को भी ध्यान में रखा है।