सरकार ने जिला पंचायतों से दो किमी सड़क बनाने का काम वापस लिया; पिछली सरकार का आदेश पलटा

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  • त्रिवेंद्र सरकार ने पलटा हरीश सरकार का फैसला 
    पिछली सरकार ने दिया था पंचायतों को दो किमी सड़क बनाने का अधिकार 

देहरादून (संवाददाता) : प्रदेश सरकार ने पिछली सरकार का एक और बड़ा फैसला पलट दिया है। जिला पंचायतों से दो किमी तक ग्रामीण सड़कों को बनाने का काम छीन लिया गया है। यही नहीं अगर जिला पंचायत को सड़क बनाने के लिए पैसा दे दिया गया है और काम शुरू नहीं हुआ है तो उसे वापस कोषागार में जमा कराना होगा। बता दें कि पिछली हरीश रावत सरकार ने जिला पंचायतों को कार्यदायी संस्था का अधिकार देते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में दो किलोमीटर तक की सड़क बनाने का अधिकार दिया था और इसे सरकार का बड़ा फैसला बताया था लेकिन त्रिवेंद्र रावत सरकार ने इस फैसले को पलट दिया है। प्रदेश में अब सभी जिला पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में दो किलोमीटर तक की सड़कों का निर्माण नहीं कर सकेंगी। मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने सभी जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी कर जिला पंचायतों को कार्यदायी संस्था बनाने के फैसले को वापस ले लिया है। हालांकि शर्त यह रखी गई है कि इस दौरान जिला पंचायतों द्वारा ग्रामीण सड़कों के जितने भी काम शुरू कर दिए गए हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। अगर ग्रामीण सड़क के निर्माण के लिए जिला पंचायतों को धनराशि जारी कर दी गई है लेकिन इस धनराशि से अभी कोई काम शुरू नहीं किया गया है तो यह धनराशि नियमानुसार कोषागार में जमा कर दी जाएगी। अगर किसी जिलाधिकारी ने ग्रामीण सड़क के लिए जिला पंचायत को कोई धनराशि जारी नहीं की है तो वह धनराशि जिला नियोजन समिति की मंजूरी से लोनिवि को प्रत्यावर्तित कर की जाएगी। बता दें कि पिछली सरकार ने जिला सेक्टर के लिए पंचायती राज विभाग के लिए शासनादेश में संशोधन करते हुए ‘‘ सीसी रोड व केसी ड्रेन का निर्माण’ के स्थान पर ‘‘ग्रामीण सड़क एवं सीसी रोड तथा केसी ड्रेन का निर्माण’ किया था। 

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