देहरादून। संवाददाता। केदारनाथ आपदा को करीब साढ़े चार साल की अवधि बीत गईए लेकिन पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम सरकार अब तक पूरा नहीं कर पाई है। आपदा पीड़ितों के मुआवजे के अभी तक 58.25 लाख रुपये जारी किए जाने बाकी हैं। यह जानकारी अपर आयुक्त गढ़वाल ने मानवाधिकार आयोग को दी है। आयोग अब इस मामले में आठ नवंबर को सुनवाई करेगा।
देहरादून के झीबरहेड़ी निवासी सावित्री देवी को अब तक पूरा मुआवजा न मिल पाने पर आरटीआइ कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी। सावित्री देवी के पति दिवाकर प्रसाद चमोली आपदा के दौरान केदारनाथ में तैनात थे। उन्हें बदरीनाथ.केदारनाथ मंदिर समिति ने तैनात किया था और आपदा में उनकी मौत हो गई थी।
दिवाकर प्रसाद चमोली की मृत्य पर मुआवजे के रूप में सावित्री देवी को पांच लाख रुपये विकासनगर तहसील से प्राप्त हो गए थेए हालांकि मुख्यमंत्री ने आपदा में जान गंवाने या लापता लोगों के आश्रितों को दो लाख रुपये व जिन्होंने आपदा में अपना पति खो दियाए उन्हें 25 हजार रुपये अतिरिक्त देने का आदेश दिया। लंबे समय बाद भी सावित्री देवी को 2ण्25 लाख रुपये मुआवजा न मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
इस संबंध में जागरण में खबर प्रकाशित होने पर आरटीआइ कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने मनवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। प्रकरण को गंभीर मानते हुए आयोग सदस्य डॉण् हेमलता ने मंडलायुक्त को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे।
आयोग के निर्देश के क्रम में अपर आयुक्त की ओर से दिए जवाब में कहा गया कि सावित्री देवी को शेष मुआवजा देने की मांग मुख्यमंत्री कार्यालय से की गई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सावित्री देवी की राशि को मिलाकर कुल 58ण्25 लाख रुपये का मुआवजा देने की कार्रवाई भी शुरू की गई है।