योगी से मेरी तुलना नहीं, वह देश के कल्‍याण के लिए हैं, मैं राज्‍य के कल्‍याण के लिए-त्रिवेंद्र सिंह रावत

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गोरखपुर (यूपी) : आज अपने प्रदेश उत्तराखंड के मुख्यमंत्री गोरखपुर में थे। उन्होंने वहाँ कहा यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से उनकी तुलना नहीं हो सकती। सीएम उत्तराखंड ने कहा योगी जी देश के कल्याण के लिए हैं। मैं  उत्तराखंड ने कल्याण के लिए हूँ।

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद गोरखपुर की स्थापना के शुभारंभ कार्यक्रम में पधारे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम काज की जम कर सराहना की। रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों के गढ्ढे ही नहीं भरे बल्कि शासन-प्रशासन के गढ्ढे भी भरे। प्रशासन काम-काज का तरीका भी बदला, प्रदेश से गुंडे भी भाग खड़े हुए। खुशी की बात है कि वक्त पौड़ी से दो-दो मुख्यमंत्री है लेकिन योगी से उनकी तुलना ठीक नहीं है। उन्होंने 22 साल से लोक कल्याण के लिए परिवार त्याग दिया। योगी आदित्यनाथ देश कल्याण के लिए हैं, मै राज्य कल्याण के लिए।

पहली बार गोरखपुर आए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी, प्रदेश के हालात बहुत खराब थे। योगी के सामने कई चुनौतियां थीं लेकिन सिर्फ 8 महीने में ही उन्होंने सड़क के गड्ढे ही नहीं, शासन-प्रशासन के भी गड्ढे भी भरे। गुंडे यूपी छोड़ भाग गए और सरकारी दफ्तरों में काम- काज के तरीके में भी बदलाव आया। भ्रष्टाचार पर रोक लगी और अब जनता की सुनी जाती है।

उत्तर प्रदेश पुलिस के कामकाज की सराहना करता हुए कहा कि योगी की सख्ती की वजह से जिस तरह से गुंडे, उत्तर प्रदेश छोड़ कर भाग रहे, मुझे उत्तराखंड की पुलिस को सतर्क करना पड़ा। यूपी से भागे गुंडे उत्तराखंड को शांत पाकर वहां न शरण न ले इसलिए वहां की पुलिस को अब चौकन्ना रहना पड़ता है। रावत ने कहा कि ऐसा स्वस्थ और भयमुक्त शासन कोई तटस्थ व्यक्ति ही दे सकता है। जब कोई तटस्थ होता है तो जनता के साथ न्याय होता है। तभी सुशासन आता है। यूपी को बड़ा और उत्तराखंड को छोटा भाई बताते हुए रावत ने दोनों राज्यों के विकास के लिए दोनों मिल कर काम करेंगे।

छात्रों से मुखातिब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दुनिया एक गांव में तब्दील हो रही है। यह सब तकनीक की ही देन है। तकनीक को लेकर शिक्षक और छात्रों के बीच की खाई को भरने की जरूरत है। शिक्षक भी जब तकनीक से लैस हो जाएगा तो छात्रों की शिक्षा आसान होगी। उन्होंने मोदी के कौशल मिशन योजना जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी शिक्षा देने की जरूरत जो छात्रों को हुनरमंद बनाए। उनके रोजगार में सहायक हो।

रावत ने कहा कि शिक्षा पहली प्राथमिकता है लेकिन वह केवल किताबी ज्ञान नहीं है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में गोरक्षपीठ की बड़ी भूमिका को रेखाकिंत करते हुए अनुकरणीय बताया। कहा कि 1932 में स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की 45 संस्थाओं में 50 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

उत्तराखण्ड आने का दिया निमंत्रण
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर्यटन विकास को लेकर भी संजीदा दिखे। अपने संबोधन के आखिर में उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से देव भूमि के दर्शन करने और सर्दियों के मौसम में भी उत्तराखण्ड आने की अपील की। कहा कि वहां कोहरा नहीं पड़ता, सर्दी भी मैदानी हिस्से से कम  होती है। उत्तराखण्ड दर्शन के लिए आईए, वहां बहुत सारा प्यार मिलेगा। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने उनके इस निमंत्रण पर तालियां बजा आश्वस्त किया कि निमंत्रण मंजूर है।

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