विश्व धरोहरों की सूची में शामिल फूलों की घाटी आज (बृहस्पतिवार) से पर्यटकों के लिए बंद हो गई है। शीतकाल में अत्यधिक बर्फबारी होने से फूलों की घाटी आवाजाही के लिए बंद हो जाती है। इस वर्ष फूलों की घाटी के देखने रिकॉर्ड पर्यटक उमड़े। फूलों की घाटी एक जून को पर्यटकों के लिए खुली थी।
चार माह तक पर्यटक यहां सैर-सपाटे के लिए पहुंचते हैं। फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती का कहना है कि बृहस्पतिवार को फूलों की घाटी आम पर्यटकों की आवाजाही के लिए बंद कर दी गई है।
इस वर्ष 17424 पर्यटकों ने फूलों की घाटी के दीदार किए। इसमें 16904 भारतीय व 520 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। पर्यटकों की आवाजाही से पार्क प्रशासन को 27 लाख 60 हजार 825 रुपये की आय प्राप्त हुई है।
घाटी में फूलों की 521 प्रजातियां
फूलों की घाटी प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। हिमालय श्रृंखला की यह घाटी फूलों की विभिन्न प्रजातियों से मौसम के अनुकूल गुलजार रहती हैं। कहा जाता है कि लक्ष्मण की रक्षा के लिए हनुमान यहां संजीवनी लेने आए थे। इस घाटी में फूलों की 521 प्रजातियां हैं।
यह एक राष्ट्रीय उद्यान है जो कि गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित है। इसे विश्व की धरोहर घोषित किया गया है। फूलों की घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है। इसे यूनेस्को ने 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया था। हिमाच्छादित पर्वतों से घिरी हुई यह घाटी बेहद खूबसूरत है। यह क्षेत्र बागवानी विशेषज्ञों और फूल प्रेमियों के लिए बेहद फेमस है।