मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार सुबह साढ़े आठ से लेकर मंगलवार सुबह 8:30 बजे चौबीस घंटे में पूरे राज्य में सामान्य बारिश 2.4 मिमी की जगह औसतन 36.7 मिमी बारिश हुई। जो सामान्य बारिश 2.4 मिमी की तुलना में 1428 फ़ीसदी अधिक है। अक्तूबर में इतनी बारिश देखकर मौसम विज्ञानी भी भौचक हैं।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक 115.6 मिली मीटर बारिश चंपावत में रिकॉर्ड की गई। राजधानी दून व आसपास के इलाकों में सबसे कम 19 मिमी बारिश हुई। नैनीताल में 64 मिमी, पिथौरागढ़ में 55.1 मिमी, अल्मोड़ा में 36.7 मिमी उधमसिंहनगर में 71.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
राज्य के पर्वतीय इलाकों में पिछले 36 घंटे के बीच हुई बारिश के चलते गंगा यमुना के साथ टोंस नदी का जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हिमालय गंगा डिवीजन केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को शाम पांच बजे ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पर गंगा नदी का जलस्तर 337.99 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के स्तर 340.50 मीटर से कम है। वहीं सिंचाई खंड बाढ़ नियंत्रण कक्ष के रिपोर्ट के मुताबिक टोंस नदी इच्छाड़ी बांध का जलस्तर 644 मीटर तक पहुंच गया है। जबकि बांध में खतरे का जलस्तर 644.75 मीटर है। डाकपत्थर में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के करीब 455.35 मीटर पहुंच गया है।
उत्तराखंड में दो दिन से जारी बारिश ने एक बार फिर से सड़कों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। जगह-जगह भूस्खलन और भूधंसाव के कारण सड़कों पर मलबा आ गया है। नुकसान का आकलन तो बारिश बंद होने के बाद ही किया जा सकेगा, लेकिन इस बीच प्रदेश में पांच राष्ट्रीय राजमार्ग, सात स्टेट हाईवे सहित सैकड़ों ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीघ्र सड़कों को खोलने के निर्देश जारी किए हैं।