दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को छोड़ने का निर्णय स्थानीय प्रशासन की ओर से लिया जाएगा तथा वहां के मामले में केंद्र सरकार दखल नहीं देगी। सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चैधरी के पूरक प्रश्न का उन्होंने उत्तर दिया।
उन्होंने मुख्य विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति सामान्य है, लेकिन वह कांग्रेस की स्थिति सामान्य नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कहा कि कांग्रेस के लोग कह रहे थे कि 370 हटाने पर रक्तपात हो जाएगा, लेकिन वहां एक गोली भी नहीं चली। स्थिति पूरी तरह से सामान्य है।
शाह ने कहा, ‘वहां 99.5 प्रतिशत बच्चे परीक्षा में बैठे लेकिन अधीर जी ने इसे सामान्य नहीं माना। श्रीनगर में सात लाख लोगों ने ओपीडी सेवाओं के लिए आवेदन किया। कर्फ्यू, धारा 144 को पूरी तरह से हटाया जा चुका है। लेकिन अधीर जी के लिए सामान्य स्थिति का मापदंड राजनीतिक गतिविधि है। स्थानीय निकाय चुनावों के बारे में क्या कहेंगे?’
उन्होंने कहा कि जब स्थानीय प्रशासन को लगेगा कि नेताओं को रिहा करने का उचित समय है तो इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। केंद्र किसी तरह का दखल नहीं देगा। गृह मंत्री ने कहा, ‘हम उन्हें एक दिन भी जेल में एक दिन अतिरिक्त भी नहीं रखना चाहते। जब प्रशासन को लगेगा की सही समय है तो राजनीतिक नेताओं को रिहा कर दिया जाएगा। फारूक अब्दुल्ला के पिता को कांग्रेस ने 11 साल जेल में रखा था। हम उनका अनुसरण नहीं करना चाहते। जैसे ही प्रशासन निर्णय लेगा उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।’
दरअसल, चैधरी ने सवाल किया था कि जम्मू-कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला और दूसरे नेताओं को कब रिहा किया जाएगा तथा क्या वहां राजनीति गतिविधि बहाल है? इससे पहले गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर गलत प्रचार कर रहा है, लेकिन सरकार वहां स्थिति सामान्य बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध है।
मेक इन इंडिया से बन रहा है रेप इन इंडिया
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन ने कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्य है कि हर मुद्दे पर बोलने वाले प्रधानमंत्री इस मामले (महिलाओं के खिलाफ अपराध) पर चुप्पी साधे हुए हैं। भारत धीरे-धीरे श्मेक इन इंडिया’ से ‘रेप इन इंडियाश् की ओर बढ़ रहा है।’