प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। पर्यावरणीय कारणों से सुप्रीम कोर्ट ने परियोजना पर रोक लगा रखी थी। लेकिन न्यायालय ने सीमांत सुरक्षा और सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए परियोजना निर्माण पर लगाई गई रोक सशर्त हटा ली है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब 12 हजार करोड़ रुपये की 889 किमी लंबी आलवेदर रोड परियोजना के 53 कार्यों में से करीब 153 किमी लंबाई के 13 कार्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बंद थे। आठ नवंबर 2020 से केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में परियोजना के लंबित कार्यों को पूरा कराने के लिए पैरवी कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट की रोक हट जाने के बाद अब ऑलवेदर परियोजना का अवशेष कार्य पूरा होने का रास्ता साफ हो गया है।
भागीरथी इको सेंसिटिव जोन में चौड़ी हो सकेगी सड़क
भागीरथी इको सेंसिटिव जोन में 94 किमी मार्ग का अब चौड़ीकरण हो सकेगा। पूरी परियोजना में इस हिस्से पर काम शुरू नहीं हो पाया था। इस हिस्से में पहाड़ी का कटान करने के साथ पांच महत्वपूर्ण कार्य भी होंगे।
पांच बाईपास बनेंगे
सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते परियोजना के पांच बाईपास बनाने का काम भी लटका था। अब चंपावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ ऋषिकेश, जोशीमठ बाइपास का निर्माण हो सकेगा।
ये काम भी होंगे
खाट लैंड स्लाइड का उपचार, बेनाकुली से लामबगड़ के मध्य मार्ग, धरासू बैंड से यमुनोत्री तक मार्ग का चौड़ीकरण हो सकेगा।