उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को करीब ढाई से तीन माह का समय शेष रह गया है। लेकिन उत्तरप्रदेश से परिसंपत्तियों के कई मसलों पर सहमति से आगे बात नहीं बढ़ पाई है। जबकि केंद्र, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की सत्ता काबिज होने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि ट्रिपल इंजन की ताकत से परिसंपत्तियों के सारी पहेलियां हल हो जाएंगी।
यह संयोग ही है कि उत्तरप्रदेश की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथों में है, जो उत्तराखंड मूल के हैं। लखनऊ दो दिवसीय दौरे पर गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यूपी के मुख्यमंत्री से मुलाकात का कार्यक्रम है।
इस मुलाकात के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच दोनों राज्यों के बीच राज्य पुनर्गठन आयोग के तहत परिसंपत्तियों को लेकर समाधान निकाले के प्रयास होंगे। चुनावी साल में मुख्यमंत्री धामी की उम्मीद कर रहे हैं कि उत्तरप्रदेश सरकार राज्य के लंबित मसलों के हल निकालेगी।
इन लंबित मसलों पर होगा मंथन
– हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व चंपावत में 351 आवासीय भवन यूपी से मिलने हैं
– कुंभ मेला की 687.575 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई विभाग को हस्तांतरित होनी है।
– उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की सशर्त मंजूरी दी जानी है
– यूएसनगर में धौरा, बैगुल, नानकसागर जलाशय में पर्यटन व जलक्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना है
– केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम में संचित व आधिक्य धनरासि 425.11 करोड़ में से 229.55 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड मिलनी हैष वाहन भंडार की 2061 की धनराशि का भी भुगतान होना है।
– यूपीसीएल को बिजली बिलों का 60 करोड़ का बकाया देना है
– उत्तराखंड गठन के बाद 50 करोड़ मोटर यान कर उत्तराखंड परिवहन निगम को दिया जाना था। 36 करोड़ बकाया है।
– अजमेरी गेट स्थित अतिथि गृह नई दिल्ली, यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित मुख्यालय, कार सेक्शन और कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला व ट्रेनिंग सेंटर के विभाजन का निर्णय होना है।
मैं लखनऊ जा रहा हूं। मुख्यमंत्री योगी जी से समय लिया है। उनसे विभिन्न मसलों पर बात होगी।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड