- सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों ने उनकी मौत का उपहास बनाने का काम किया है।
- इरफ़ान खान को गन्दी गालियाँ दी जा रही हैं और कहा जा रहा है कि वह इस्लाम के नाम पर धब्बा थे।
- यह सब सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने इस्लाम, आतंकवाद, रोजा और रमजान के साथ ही बकरीद पर पशुओं को काटे जाने पर अपनी राय रखते हुए इन्हें कुर्बानी के नाम पर किया जाने वाला पाखंड बताया था।
नई दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान की मौत की खबर से देश शोक में डूबा है। लेकिन इस्लामिक कट्टरपंथी अपनी मजहबी घृणा का प्रदर्शन करने से बाज नहीं आए। इसकी वजह है इरफ़ान खान द्वारा इस्लाम की कुरीतियों और मजहबी कट्टरता पर बेबाकी से रखे गए विचार हैं।
इरफ़ान खान की मौत की खबर के बाद सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों ने उनकी मौत का उपहास बनाने का काम किया है। इरफ़ान खान को गन्दी गालियाँ दी जा रही हैं और कहा जा रहा है कि वह इस्लाम के नाम पर धब्बा थे। यह सब सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने इस्लाम, आतंकवाद, रोजा और रमजान के साथ ही बकरीद पर पशुओं को काटे जाने पर अपनी राय रखते हुए इन्हें कुर्बानी के नाम पर किया जाने वाला पाखंड बताया था।
सज्जाद हैदर नाम के युवक ने इरफ़ान खान की मौत पर उनकी एक ऐसी खबर शेयर की है, जिसमें इरफ़ान खान ने दो दिन पहले खरीदी हुई बकरी की कुर्बानी देने को गलत बताया था। सज्जाद ने इस खबर के साथ लिखा है- “Mar gye mardood, Fateha na darood” उर्दू में मरदूद शब्द का इस्तेमाल ‘नीच या तिरस्कृत’ के लिए किया जाता है।