उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन से छिना वोटिंग का अधिकार

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की चार दिसंबर को होने वाली एजीएम और गवर्निंग काउंसिल चुनाव के लिए बने इलेक्टोरल रोल में उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (सीएयू) का नाम नहीं है। गौर करने वाली बात यह है कि दो दिन पहले जारी सूची में सीएयू का नाम था। इस बीच एसोसिएशन में जारी खींचतान और मनमानी के आरोपों की शिकायत बीसीसीआई तक पहुंचने के बाद बोर्ड ने 21 नवंबर को जारी सूची से सीएयू का नाम हटा दिया।

करीब 18 साल बाद उत्तराखंड को 2018 में बीसीसीआई की मान्यता मिलने के बाद से एसोसिएशन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। कभी उपाध्यक्ष, सह सचिव तो कभी कार्य विरत कोषाध्यक्ष और संरक्षक हीरा सिंह बिष्ट  एसोसिएशन के सचिव महिम वर्मा और अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला पर मनमानी का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि इन सभी आरोपों को महिम और  गुनसोला बेबुनियाद बताते रहे। बीसीसीआई के पदाधिकारियों के लिए चार दिसंबर को चुनाव होने हैं, जिसके लिए चुनाव अधिकारी एके जोती ने 18 नवंबर को सूची तैयार की।

बीसीसीआई की इस वोटर लिस्ट में सीएयू की ओर से पीसी वर्मा का नाम था। इस नाम पर आपत्ति जताते हुए सीएयू के कार्यविरत कोषाध्यक्ष पृथ्वी सिंह नेगी और गोपाल सिंह गैलाकोटि ने आपत्ति दर्ज की। 18 की शाम को बोर्ड ने नई मतदाता सूची जारी करते हुए पीसी वर्मा की जगह सीएयू सचिव महिम वर्मा का नाम डाल दिया। पृथ्वी सिंह नेगी ने कहा कि नियमानुसार आम सभा में बिना प्रस्ताव पारित किए हुए कोई भी व्यक्ति सीएयू से बीसीसीआई के चुनाव के लिए वोटर नहीं हो सकता है।

इसी बात को आधार बनाते हुए बीसीसीआई को पत्र भेजा। इसके अलावा उत्तराखंड युवा संगठन के गोपाल सिंह गैलाकोटि ने भी एसोसिएशन पर कई गंभीर आरोप लगाए। यही वजह है कि 21 नवंबर को बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी एके जोति ने मतदाताओं की नई लिस्ट जारी करते हुए सीएयू का नाम ही हटा दिया। नई सूची में यूपीसीए और झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन का नाम भी नहीं है।

नियमविरुद्ध कार्य होने का मैं विरोध करता रहूंगा। सीएयू ने मेरे खिलाफ 21 मार्च 2021 को जांच बैठाई थी और तीन माह में जांच पूरी होनी थी जो नहीं हुई। इसके अलावा मुझे जो आरोपपत्र दिया गया वो मुझे जुलाई अंत में दिया गया जबकि मैं इससे पहले 26 जुलाई 2021 को कोर्ट जा चुका था।
– पृथ्वी सिंह नेगी (कार्यविरत कोषाध्यक्ष)

उत्तराखंड क्रिकेट में जारी अनियमितताओं के खिलाफ मैंने बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी को शिकायत भेजी थी। सीएयू में करीब चार करोड़ की अनियमितता का मामला है, जिसकी जांच की जानी चाहिए। खिलाड़ियों के चयन में भी खेल हो रहा है। सचिव फोन बंद करके बैठे हैं और अध्यक्ष फोन नहीं उठाते हैं।

– गोपाल सिंह गैलाकोटि, उत्तराखंड युवा संगठन 

मेरे संज्ञान में यह मामला नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो एसोसिएशन की ओर से अपना पक्ष बीसीसीआई के समक्ष रखेंगे। सीएयू सचिव महिम वर्मा का नाम एसोसिएशन की ओर से सर्वसम्मित से बीसीसीआई मतदाता के तौर पर भेजा गया था। कार्यविरत कोषाध्यक्ष पृथ्वी सिंह नेगी की शिकायतों पर अगर ऐसा हुआ है तो यह राज्य के लिए काफी दुखद है।
– संजय गुंसाई, प्रवक्ता सीएयू  

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