चुनाव आयोग में जिस तरह की हलचल है और बैठकों का दौर चल रहा है, उसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। इस बीच सभी पांचों चुनावी राज्यों में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो गया है। हालांकि चुनाव आयोग ने विकल्प दिया है कि यदि किसी वोटर का नाम मतदाता सूची में छूट गया है, तो वह नामांकन की अंतिम तारीख से पहले अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकता है।
कोरोना संकट को देखते हुए चुनाव आयोग जल्द चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के पक्ष में है। इससे चुनावी राज्यों में राजनीतिक दलों की ओर से हो रही बड़ी रैलियों और भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर तुरंत अंकुश लग सकेगा। यदि चुनाव की घोषणा में कुछ देरी भी होती है, तब भी आयोग कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन को सख्ती से लागू कराने और भीड़-भाड़ पर लगाम लगाने का काम कर सकता है। यह इसलिए भी जरूरी है यदि जल्द सख्त न बरती गई तो इन सभी राज्यों में कोरोना का संक्रमण और तेज हो सकता है। वैसे भी सभी चुनावी राज्यों में कोरोना के संक्रमितों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। ऐसे में रैलियां और भीड़ भरे आयोजन पर रोक नहीं लगी तो स्थिति गंभीर होगी।