ऐसे होती है इतिहास से छेड़छाड़ : महाराष्ट्र में किताबों में भगत सिंह और राजगुरु के साथ सुखदेव को बताया गया ‘कुर्बान हुसैन’

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स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किए जाने वाले सुखदेव का पूरा नाम सुखदेव थापर था। उन्होंने ‘लाहौर नेशनल कॉलेज’ में पढ़ाई की थी। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्हें भगत सिंह और राजगुरु के साथ 23 मार्च 1931 को फाँसी पर लटका दिया गया था।

नई दिल्ली : आमतौर पर इतिहास पढ़ते हुए हमेशा भगत सिंह और राजगुरु के साथ सुखदेव का नाम सबको याद आता है। लेकिन 8वीं कक्षा की बालभारती किताब में उनका नाम कुर्बान हुसैन बताया गया है। साथ ही इसमें ये भी लिखा कि कुर्बान हुसैन को ही भगत सिंह और राजगुरु के साथ लाहौर घटना के बाद फाँसी सुनाई गई थी।

आठवीं कक्षा के मराठी भाषा में प्रकाशित किताब में भारतीय स्वतंत्रता के प्रमुख सेनानियों में से एक सुखदेव के नाम से छेड़छाड़ की गई है।

हालाँकि, कुर्बान हुसैन  भी स्वतंत्रता सेनानी थे। मगर, उनका संबंध सोलापुर से था। जिस संदर्भ में यहाँ उनके नाम का उल्लेख हुआ है वहाँ सिर्फ़ भगत सिंह और राजगुरु के साथ सुखदेव का ही नाम आना था।

कौन थे सुखदेव?

स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किए जाने वाले सुखदेव का पूरा नाम सुखदेव थापर था। उन्होंने ‘लाहौर नेशनल कॉलेज’ में पढ़ाई की थी। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्हें भगत सिंह और राजगुरु के साथ 23 मार्च 1931 को फाँसी पर लटका दिया गया था।

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