नैनीताल:- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कॉर्बेट नैशनल पार्क में बड़ी मात्रा में चल रहे अवैध निर्माण के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है । राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एन.टी.सी.ए.)ने जांच कर रिपोर्ट लगाई थी, जिसमें सी.टी.आर.में अवैध निर्माण का खुलासा किया था । इसकी खबर 23 अक्टूबर को एक इंग्लिश अखबार में छपी थी । उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खंडपीठ ने इस न्यूज़ न्यूज़ लैटर का संज्ञान लेते हुए, इसे जनहित याचिका के रूप में ले लिया है । आज उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के लिए उपस्थित चीफ स्टैंडिंग काउंसिल चंद्रशेखर सिंह रावत से 8 नवंबर तक जवाब देने को कहा है । न्यायालय ने यूनियन ऑफ इंडिया के सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रमुख सचिव, उत्तराखंड वाइल्डलाइफ एडवाइजरी बोर्ड, पी.सी.सी.एफ., चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन, डी.एफ.ओ. समेत कुल दस लोगों को प्रतिवादी बने है । न्यायालय ने कहा है कि इंग्लिश अखबार में लिखा है कि कॉर्बेट के विभिन्न हिस्सों में बड़ी मात्रा में अवैध निर्माण हो रहे हैं जिसे एन.टी.सी.ए.ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था । मामले में अगली सुनवाई राज्य सरकार के 8 नवंबर को जवाब दाखिल करने के तत्काल बाद होगी
:- चंद्रशेखर सिंह रावत, मुख्य स्थायी अधिवक्ता ।