उत्तराखंड में किडनी के गंभीर रोगियों को डायलिसिस के लिए बार-बार अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। राज्य में शुरू होने वाली पैरिटोनियल सेवा के तहत जल्द ही मरीजों को डायलिसिस की सुविधा घर पर ही नि:शुल्क मिलने जा रही है। गुर्दा यानी किडनी खराब होने पर मरीजों को बार-बार अस्पताल में डायलिसिस के लिए जाना पड़ता है।
डायलिसिस के जरिए मरीज के शरीर के खून को साफ किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए मरीजों को बार-बार अस्पताल जाने की वजह से खासी परेशानी उठानी पड़ती है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के मरीजों के लिए तो यह प्रक्रिया और ज्यादा परेशान करने वाली साबित होती है। इस परेशानी से बचने के लिए पहाड़ से आने वाले मरीजों ने इस सुविधा वाले शहरों में किराये पर कमरे तक ले रखे हैं।
बरसात के दौरान सड़कें बंद होने से भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने पैरिटोनियल डायलिसिस सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। केंद्र ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
क्या है पैरिटोनियल डायलिसिस
पेरिटोनियल डायलिसिस एक ऐसी विधि है जिसमें शरीर के अंदर एक ट्यूब डालने से खुद ही मरीज का खून फिल्टर हो जाता है। डॉक्टर ऐसे मरीजों का एक छोटा ऑपरेशन कर उनके पेट में प्लास्टिक ट्यूब (कैथेटर) डाल देते हैं। फिर एक कैथेटर के माध्यम से खराब खून को बाहर निकाला जाता है। यह प्रक्रिया दिन में घर पर दो से तीन बार की जा सकती है। सोते-सोते भी मरीज की पैरिटोनियल डायलिसिस की जाती है। यह उन मरीजों के लिए खासी सुविधाजनक है जो अत्यधिक बीमार होने की वजह से बार बार अस्पताल जाने में सक्षम नहीं हैं।
दवाएं और उपकरण भी मुफ्त
दून मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलॉजी यूनिट के हेड डॉ.हरीश बसेरा ने बताया कि पेरिटोनियल डायलिसिस मरीजों के लिए खासी लाभकारी है और इस सेवा को जल्द शुरू किया जा रहा है। इसके तहत मरीजों को डायलिसिस के उपकरण व दवाई भी निशुल्क मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे मरीजों के हर माह 30 हजार रुपये की बचत भी होगी। सभी कुछ सरकार की ओर से निशुल्क दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूरदराज के मरीजों के लिए यह सुविधा किसी वरदान से कम नहीं है।
बड़ी संख्या में मरीज:राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश की कुल आबादी के दस फीसदी लोग किडनी रोगों से पीड़ित हैं। इस हिसाब में उत्तराखंड में लगभग एक लाख मरीज होने का अनुमान है।
राज्य के सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा के साथ ही मरीजों को घर पर डायलिसिस की निशुल्क सुविधा भी शुरू की जा रही है। इससे राज्य में किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
डॉ.धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री