कुमाऊं में पर्यटन कारोबार को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान, देश भर से बुकिंग कैंसिल करा रहे सैलानी

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उत्तराखंड में आपदा से कुमाऊं मंडल में पर्यटन कारोबार को भी पूरी तरह से चौपट कर दिया है। मंडल में पर्यटन कारोबार को 100 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ है। इस बार अभी बंगाली सीजन शुरू ही हुआ था कि तीन रोज पहले ऐसी आपदा आई जिसकी कभी कल्पना नहीं की जा सकती थी। इस आपदा का असर यह हुआ कि अतिवृष्टि से पहले सैलानियों से खचाखच भरे पर्यटक स्थल वीरान हो गए और पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से लड़खड़ा गया।

आपदा से भूस्खलन और सड़कों के टूटने के नजारे देख कुमाऊं की वादियों में मौजूद सैलानी किसी तरह यहां से अपने घरों की ओर लौट चुके हैं। नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, मुन्स्यारी समेत आसपास के तमाम क्षेत्र लगभग वीरान हो चुके हैं। पर्यटन कारोबारियों की मानें तो कुमाऊं मंडल में 5000 से अधिक छोटे-बड़े होटल रिजॉर्ट हैं जहां हजारों लोगों को रोजगार मिला है। नवंबर तक की एडवांस बुकिंग भी कैंसिल हो रही हैं।

चंपावत में दस लाख रुपये का नुकसान 
तीन दिन की भारी बारिश से जिले के किसी भी जगह में पर्यटक नहीं फंसे हैं, ये दावा पर्यटन विभाग का है। जबकि कुछ पर्यटक स्थलों को नुकसान हुआ है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी लता बिष्ट का कहना है कि जिले के तीन पर्यटक स्थल टनकपुर, चंपावत और लोहाघाट की सुरक्षा दीवार और कुछ अन्य नुकसान हुआ है। अभी नुकसान के सर्वे की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन मोटे तौर पर दस लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है।

इस बार अक्तूबर में अच्छे कारोबार की उम्मीद थी लेकिन आपदा ने पर्यटन कारोबार की कमर तोड़ दी। कुमाऊं में 100 करोड से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।
-प्रवीण शर्मा निदेशक नॉर्दन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

देवी आपदा में जितना नुकसान हुआ है, उससे कहीं अधिक वह सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर प्रसारित हो गया है। इससे कुमाऊं मंडल में आने वाले अन्य प्रांतों के सैलानी डरे सहमे हैं। पूरा कारोबार चौपट हो गया है। अग्रिम बुकिंग भी लगातार कैंसिल हो रही हैं।

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