देहरादून। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) की नई दवा 2 DG (2-deoxy-D-glucose) की पहली खेप के तहत 10 हजार डोज सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लॉन्च किया। तीन ट्रायल के बाद 1 मई 2021 को DCGI की ओर से इसके आपातकाल उपयोग की अनुमति मिल गई। पाउडर के रूप में इस ड्रग को एक सैशे (sachet) में दिया जाएगा जो पानी में घोलकर लेना होगा। यह संक्रमित कोशिकाओं पर जाकर वायरस की वृद्धि को रोकने में सक्षम है।
5-7 दिन लेनी होगी दो डोज, DRDO प्रमुख ने दी जानकारी
DRDO प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने इस दवा को लेने की प्रक्रिया बताई। उन्होंने कहा, ‘यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा काम करेगी। शरीर का इम्यून सिस्टम काम करेगा और मरीज जल्दी ठीक होगा। इसे मरीज के वजन और डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के आधार पर कम से कम 5-7 दिन सुबह-शाम 2 डोज़ लेनी है।’ उन्होंने यह भी बताया कि अभी सप्ताह में 10,000 के आस पास कुल उत्पादन होगा। आज AIIMS, AFMS और DRDO अस्पतालों में दे रहे हैं। बाकी राज्यों को अगले चरण में देंगे। अभी थोड़ी देरी है। जून के पहले हफ्ते से सभी जगहों पर 2DG दवा उपलब्ध होगी।
वैज्ञानिकों की सराहना
रिलीज के मौके पर रक्षा मंत्री ने ड्रग को उम्मीद की किरण बताया, उन्होंने कहा, ‘ अभी हमें निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है और न ही थकने और थमने की जरूरत है क्योंकि यह wave दूसरी बार आई है, और आगे भी इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है। हमें पूरी सतर्कता के साथ कदम आगे बढ़ाने होंगे।’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘इस दवा को तैयार करने में जिन वैज्ञानिकों की मुख्य भूमिका है, मैं उन्हें अपने हाथों से सम्मानित करना चाहूंगा। ये दवा आशा और उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है, ये दवा हमारे देश के वैज्ञानिकों की क्षमता की एक मिसाल है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ऑक्सीजन सप्लाई, दवा, आइसीयू बेड व क्रायोजेनिक टैंकरों की व्यवस्था को हमने काफी गंभीरता से लिया है। इसके लिए सामूहिक प्रयास किया गया जिसका रिजल्ट बेहतर है।’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘अब तक हम रक्षा क्षेत्र में डीआरडीओ और प्राइवेट पार्टनरशिप की बात करते थे। आज हेल्थ के सेक्टर में भी डीआरडीओ और प्राइवेट सेक्टर की पार्टनरशिप का इतना अच्छा परिणाम देख कर मुझे वाकई बहुत खुशी हो रही है।’
रक्षा मंत्री ने दी दवा की जानकारी
इस नई दवा के लिए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मुझे बताया गया कि DRDO के इस दवा से सामान्य उपचार की तुलना में ढाई दिन जल्दी ठीक हुए हैं। साथ ही ऑक्सीजन पर निर्भरता भी करीब 40 फीसद कम हो गई। पाउडर के तौर पर विकसित इस दवा का इस्तेमाल ORS घोल की तरह इसका बड़ी आसानी से किया जा सकेगा।’ रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के अंत में सबसे मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘आप सभी लोगों के सम्मिलित प्रयासों से यह देश, बड़े से बड़े संकटों का सामना कर सकेगा, उसमें विजयी हो सकेगा, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।’
रक्षा मंत्री के कार्यालय की ओर से पोस्ट किए गए ट्वीट में इस बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि आज सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रक्षा मंत्री की ओर से इस दवा की पहली खेप जारी की जाएगी। इस दवा को DRDO की न्युक्लियर मेडिसीन इंस्टीट्यूट एंड अलाइड साइंसेज (INMAS) ने डॉक्टर रेड्डी लैब के साथ मिलकर विकसित किया है।
6,11 और 27 अस्पतालों में हुई ट्रायल
महामारी की पहली लहर के दौरान अप्रैल 2020 में INMAS-DRDO वैज्ञानिकों ने मिलकर CCMB (Centre for Cellular and Molecular Biology), हैदराबाद की मदद से काम शुरू किया और तभी पता चला कि ये मालिक्यूल SARS-CoV-2 वायरस पर असरदार हैं और इसके वृद्धि को रोकने में सक्षम हैं। इन परिणामों के आधार पर DCGI ने मई, 2020 में इसके फेज 2 क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति दे दी। दूसरे फेज का ट्रायल पिछले साल मई से अक्टूबर तक चला और इसमें काफी अच्छे रिजल्ट सामने आए। इस ट्रायल को दो हिस्सों में चलाया गया पहली बार में 6 अस्पताल दूसरी बार में देश के 11 अस्पतालों को कवर किया गया। इसमें 110 मरीजों को यह दवा दी गई और इसके असरदार परिणाम सामने आए। इसे देखते हुए DCGI ने तीसरे क्लिनिकल ट्रायल की भी अनुमति दे दी जो 220 मरीजों पर दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 27 अस्पतालों में किया गया। ये अस्पताल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के हैं।