नई दिल्ली : चीन को एक और झटका देने के लिए आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए चाईनीज़ कंपनी के टैंडर को रिजेक्ट कर दिया है. उत्तरप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशऩ ने कानपुर-आगरा मेट्रो परियोजनाओं के लिए मेट्रो ट्रेनों की आपूर्ति, टेस्टिंग कमिशनिंग और ट्रेन कंट्रोल सिग्नलिंग सिस्टम का कॉन्ट्रैक्ट बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया को दिया है. यह भारतीय कंपनियों का एक समूह है.
कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं हेतु कुल 67 ट्रेनों की सप्लाई होगी, जिनमें से प्रत्येक ट्रेन में 3 कार या कोच होंगे, जिनमें से 39 ट्रेनें कानपुर, 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी. एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी यानि प्रत्येक कोच में लगभग 315-350 यात्री यात्रा कर सकेंगे.
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि रोलिंग स्टॉक्स सिग्नलिंग सिस्टम के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग की गयी थी, जिसके तहत 4 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने टैंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया और 18 फरवरी, 2020 को अपनी निविदाएं यूपीएमआरसी को सौंपी थी. इसमें विस्तृत जांच करके आंकलन करने के बाद बिड में शामिल चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित किया गया है. फाइनेंशियल बिड के लिए तीन बिडर्स को चुना गया है, सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी कॉन्सोर्सियम मे. बॉम्बार्डियर इंडिया प्राइवेट लि. को 3 जुलाई, 2020 को कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया.
कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं को मिलने वाली अत्याधुनिक ट्रेनों की सप्लाई में बॉम्बार्डियर के सावली स्थित प्लान्ट से होगी. केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम को भी सुदृढ़ बनाने की दिशा में यूपीएमआरसी इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखता है.
कानपुर-आगरा मेट्रों के लिए चीनी कंपनी की निविदा को तकनीकि खामियों के चलते रिजेक्ट किया है. चीन की कंपनी सीआरआरसी नैनजिंग पुजहेन लिमिटेड ने भी निविदा भरी थी, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया. कॉर्पोरेशन ने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के लिए मेट्रो ट्रेनों की आपूर्ति, परीक्षण और चलाने, ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का ठेका भारतीय समूह बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड को दिया है.