उत्तराखंड में चीन और नेपाल सीमा से लगे गुंजी गांव में वाईफाई सेवा शुरू होने के बाद अब भारत सीमा से लगे गांवों में सूचना तंत्र को मजबूत करने जुट गया है। वाईफाई सेवा के शुरू होने से सीमांत के लोगों के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा, आदि कैलाश और भारत-चीन व्यापार पर जाने वाले व्यापारियों और सुरक्षा एजेंसियों को फायदा होगा। समुद्रतल से करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित चीन और नेपाल सीमा से लगे गुंजी गांव में वाईफाई सेवा करीब तीन हफ्ते पहले शुरू हो चुकी है। गुंजी भारतीय सेना, आईटीबीपी, एसएसबी, बीआरओ के साथ ही अन्य सुरक्षा एजेंसियों के मुख्य कार्यालय हैं।इसके बाद सेना और अन्य इकाइयां पड़ती हैं। गुंजी में वाईफाई सेवा के शुरू होने से सुरक्षा एजेंसियों को भी काफी मजबूती मिली है। गुंजी में केएमवीएन के गेस्ट हाउस भी हैं। वहीं यहां कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश यात्री भी रुकते हैं।
इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे लोग
पूर्व में यहां पर संचार की सुविधा नहीं होने से यात्रा पर गए लोग परिजनों से बमुश्किल संपर्क कर पाते थे। यहां पर वाईफाई सेवा के शुरू होने के बाद अब यात्री भी आसानी से परिजनों से संपर्क और इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे।
गुंजी में वाईफाई सेवा के शुरू होने पर ग्राम प्रधान सुरेश सिंह गुंज्याल, सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल, एवरेस्ट विजेता मोहन सिंह गुंज्याल, भारत-चीन व्यापार समिति के उपाध्यक्ष दिनेश गुंज्याल, हरीश गुंज्याल, पूर्व प्रधान जस्मा देवी सहित कई लोगों ने खुशी जताई है।
भारत-चीन व्यापार के दौरान गुंजी में खुलती है बैंक शाखा और कस्टम ऑफिस
भारत-चीन के बीच तकलाकोट मंडी में एक जून से 31 अक्तूबर तक चलने पर व्यापार के लिए गुंजी में बैंक शाखा, कस्टम आफिस भी खुलता है। संचार सेवा नहीं होने से बैंक और कस्टम ऑफिस के संचालन में दिक्कतें होती थीं। वाईफाई सेवा के शुरू होने के बाद व्यापार की सूचनाओं का आसानी से आदान-प्रदान हो सकेगा।