चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हमने अपनी सीमा के भीतर दूसरे देश के लोगों को बसने नहीं दिया। हमें पता है कि हमारी सरहद कहां तक है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। जरूरत है तो पहाड़ के दूरदराज के क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने की।
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित स्वल्पाहार कार्यक्रम में पहुंचे सीडीएस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने अपनी सीमाओं की ठीक से देखभाल की है। उत्तराखंड के बाड़ाहोती में चीनी घुसपैठ के सवाल पर उन्होंने कहा कि चीन जहां तक अपनी सीमा समझता है, वहां तक आता है, इसकी रिपोर्ट भी आ जाती है। इसी तरह हमारी सेना भी जहां तक अपनी सरहद समझती है, वहां तक जाती है।
अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सरहद में चीनी गांव बसने के संबंध में पूछे गए प्रश्न पर सीडीएस ने कहा कि क्या अमेरिका को पता है कि भारत की सरहद कहां तक है। क्या चीन को पता है कि भारत की सरहद कहां तक है। हमें पता है कि हमारी सरहद कहां तक है। हमने अपनी सरहद में किसी को बसने नहीं दिया।
सीडीएस ने कहा कि पहाड़ के दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर होंगी तो पलायन रुकेगा। सीमा क्षेत्र तक सड़कें बन रही हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा।
प्रदेश में नए भर्ती केंद्र खोलने की संभावनाओं पर सीडीएस ने साफ किया कि यहां पहले से ही पांच भर्ती केंद्र खुले हैं। इनमें चार पर्वतीय क्षेत्रों और एक रुड़की में है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में भर्ती केंद्र बनाए गए हैं।