उत्तराखंड में चल रही बिजली किल्लत के बीच जल विद्युत परियोजनाओं से आपूर्ति घटने से संकट बढ़ गया है। बुधवार को इन परियोजनाओं से अचानक उत्पादन कम हो गया, जिसकी वजह से यूपीसीएल की परेशानी बढ़ गई। बुधवार को प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में दो घंटे और उद्योगों में डेढ़ घंटे की कटौती की गई।प्रदेश में चल रही बिजली किल्लत की मुश्किलें बुधवार को और बढ़ गईं। यूपीसीएल मानकर चल रहा था कि एक्सचेंज से बिजली खरीदने के बाद अब केवल 17 लाख यूनिट की जरूरत होगी। लेकिन जल विद्युत परियोजनाओं से पूरी आपूर्ति नहीं हुई, जिस वजह से तीन लाख यूनिट की कमी पड़ गई।
यूपीसीएल ने बुधवार को सुबह ग्रामीण इलाकों में डेढ़ घंटे और उद्योगों में डेढ़ घंटे तक कटौती की। अचानक आपूर्ति कम होने के बाद यूपीसीएल ने शाम को ग्रामीण इलाकों में आधा-आधा घंटे की कटौती और की।
अब बृहस्पतिवार के लिए यूपीसीएल इंतजाम करने में जुटा है। दो मिलियन यूनिट बिजली एक्सचेंज से सात रुपये 38 पैसे प्रति यूनिट की दर से खरीद ली है, लेकिन खबर लिखे जाने तक तीन मिलियन यूनिट बिजली का इंतजाम नहीं हो पाया था। माना जा रहा है कि अगर इंतजाम न हुआ तो बृहस्पतिवार को स्थिति और बिगड़ सकती है।
सरकार के साथ उद्योग बना रहे योजना
पिछले करीब एक सप्ताह से चल रहे बिजली संकट के बीच उद्योग जगत भी चिंतित है। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि वैैैसे तो केंद्र और राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि बिजली की कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन फिर भी राज्य सरकार के साथ उद्योग भी ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने की रणनीति तैयार कर रहे हैं।