कोरोना काल में बेहतर काम करने वाली बागेश्वर की एएनएम पूनम नौटियाल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में जमकर तारीफ की। वैक्सीनेशन में आ परेशानी से लेकर अन्य समस्याओं पर 15 मिनट तक बात की। पीएम से बात करने के बाद भी पूनम को यकीन नहीं हो रहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की है।
कोरोना टीका लगाने के लिए पूनम ने पांच से सात किमी रोजाना पैदल दूरी नापी। उन्होंने इस दौरान उन लोगों को भी जागरूक किया, जो वैक्सीन लगाने के लिए एकदम तैयार नहीं हो रहे थे। चामी में तैनात एएनएम पूनम ने बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया। उन्होंने कहा कि आभी आधे घंटे में प्रधानमंत्री आपसे बात करेंगे। इसके बाद में घबरा गई।
मुझे लगा कि मुझसे कोई बड़ी गलती हो गई है। जैसे-तैसे आधे घंटे का समय बीता। एक बार फिर मोबाइल बजने लगा। इस कार प्रधानमंत्री का फोन था। हैलो करते ही उन्होंने कहा में मोदी बोल रहा हूं। आपको बधाई। कोरोना काल में वैक्सीनेशन में जो काम बागेश्वर जिले और आपने किया वह काबिलेतारीफ है।
इसके उन्होंने मुझसे वैक्सीनेशन में आ रही परेशानी से लेकर कनेक्टीविटी आदि के बारे में पूछा। मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि साथियों ये बागेश्वर उत्तराखंड की उस धरती से है. जिसने शत-प्रतिशत पहला डोज लगाने का काम पूरा कर दिया है। पीएम मोदी ने बात करते हुए उनसे उनके क्षेत्र में कोविड वैक्सीनेशन की जानकारी भी ली।
पूनम ने वैक्सीनेशन के दौरान आई दिक्कतों के बारे में पीएम मोदी को बताया कि यहां बारिश के कारण अक्सर रोड ब्लॉक हो जाती थी। ऐसे में हमने कई खतरे भी उठाए और नदियों और घाटियों को पार करते हुए घर-घर जाकर उन लोगों का वैक्सीनेशन किया, जो सेंटर में आने में असमर्थ थे।
आगे बताया कि एक दिन में उन्हें पांच से सात किलोमीटर तक पैदल सफर तय करना पड़ता था। पीएम ने पूनम की बात काटते हुए कहा कि तराई में रहने वाले लोगों को समझ में नहीं आएगा, क्योंकि पहाड़ों में आठ से 10 किलोमीटर का सफर तय करने में पूरा दिन निकल जाता है।
पीएम ने पूनम की तारीफ करते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का काम काफी मेहनत का था, क्योंकि वैक्सीनेशन का सारा सामान इन्हें खुद ही उठाकर ले जाना होता था। उन्होंने कहा कि चार से पांच लोगों की टीम ने बहुत अच्छा कार्य किया है। कहा कि हम सभी लोगों की मेहनत और प्रयासों से कोरोना को हराया जा सकता है।
पीएम मोदी को अपनी पांच लोगों की टीम के बारे में पूनम ने बताते हुए कहा कि हमारी टीम में एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट, आशा, एनएनएम और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर है। वहीं, पीएम के डाटा एंट्री में कनेक्टिविटी को लेकर पूछे गए का जवाब देते हुए पूनम ने बताया कि कहीं कहीं नेटवर्क मिल जाते थे। अक्सर डाटा एंट्री का काम हम बागेश्वर आकर ही करते थे।