जिस तस्वीर पर विवाद खड़ा हुआ दरसल वो तस्वीर फोटोशॉप की गई थी। जिसे रिजवान निजामी नाम के व्यक्ति द्वारा, बेकरी की छवि बिगाड़ने के लिहाज से सर्कुलेट किया जा रहा था। मगर मूल तस्वीर में वह सब नही था जिस कारण बेकरी मालिक की जेल जाना पड़ा तथा जलील होना पड़ा। अब सच्चाई का खुलासा होते ही रिजवान के ऊपर एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।
नई दिल्ली : कोरोना के इस महासंकट काल में अनेकों अप्रिय प्रसंग भी सामने आ रहे हैं। ऐसे प्रसंग सोसलमीडिया में तेजी से फैलाये जाते हैं। जब तक इनकी सच्चाई सामने आती है तक सम्बंधित लोग इनके दुष्प्रभाव से पीड़ित हो उसका कुफल भी भोग लेते हैं।
बीते दिनों एक ऐसा ही प्रसंग सामने आया, जब जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शनरी के एक विज्ञापन के कारण सोशल मीडिया पर बहुत बवाल मचा। स्थिति ऐसी बन गई कि चेन्नई के टी नगर में बेकरी के मालिक प्रशांत को ‘धार्मिक भेदभाव’ करने के मामले में गिरफ्तार होना पड़ा, परन्तु जब मामले का खुलासा हुआ है तो तस्वीर कुछ और ही सामने आयी।
ताजा जानकारी के अनुसार जिस तस्वीर पर विवाद खड़ा हुआ दरसल वो तस्वीर फोटोशॉप की गई थी। जिसे रिजवान निजामी नाम के व्यक्ति द्वारा, बेकरी की छवि बिगाड़ने के लिहाज से सर्कुलेट किया जा रहा था। मगर मूल तस्वीर में वह सब नही था जिस कारण बेकरी मालिक की जेल जाना पड़ा तथा जलील होना पड़ा। अब सच्चाई का खुलासा होते ही रिजवान के ऊपर एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।
बेकारी की एडवोकेट चांदनी शाह ने इसकी जानकारी दी है। चांदनी ने इन तस्वीरों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि वास्तविकता में बेकरी के असल विज्ञापन में ऐसा कुछ नहीं है। जैसा कि फैलाया जा रहा है। इसलिए उन्होंने रिजवान पर एफआईआर कर दी है। यह FIR स्वीकार भी कर ली गई है।
चांदनी अपने ने बताया कि “ये तस्वीर व्हॉट्सअप पर इसलिए भेजी गई थी क्योंकि कुछ लोग लगातार पूछ रहे थे कि उनकी बेकरी में खाना कहीं स्पेशल कम्यूनिटी वाले तो नहीं बनाते? मगर रिजवान निजामी ने फोटोशॉप तस्वीर को फैलाया ताकि बेकरी को बदनाम कर सके। इस उद्दंडता पर एफआईआर दर्ज कर दी है।”