देहरादून। संवाददाता। शनिवार को साल का सबसे छोटा दिन रहा, जबकि रविवार से दिन लंबे होने शुरू हो जाएंगे। साथ ही सूर्यदेव उत्तरायण हो जाएंगे। धरती के अपने अक्ष में घूमने के साथ सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने के कारण दिन रात के समय में अंतर आता है। भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बेंगलुरु के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर के अनुसार दिन रात का छोटा बड़ा होना समय की सामान्य प्रक्रिया है, जो पूरे वर्ष चलती है। दिन व रात के घटने व बढऩे का क्रम छह माह तक जारी रहता है।
आधुनिक वैज्ञानिक पद्घति के अनुसार 22 दिसंबर से दिन लंबे होने का क्रम अगले छह माह तक जारी रहेगा। साल में दो दिन दो बार ऐसे भी आते हैं, जब दिन व रात की अवधि बराबर हो जाती है। 21 मार्च के अलावा 22 अथवा 23 सितंबर को यह दिन आते हैं। इनके अलावा 21 जून का दिन वर्ष में सबसे लंबा होता है, जबकि रात सबसे छोटी हो जाती है। धरती के अपने अक्ष में 23.50 डिग्री का झुकाव होना पृथ्वी के ऋतुओं में परिवर्तन लाने का बड़ा कारण है। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण के अनुसार उत्तरी गोलार्द्ध के विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में इन दिनों दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं। अब दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन छोटे होने लगेंगे व रात की अवधि लंबी होनी शुरू जाएगी।