कांग्रेस में वापसी को लेकर पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत का इंतजार बढ़ गया है। दो दिन पहले भाजपा से निष्कासित और मंत्री पद से बर्खास्त किए गए हरक सिंह रावत को शामिल करने के बारे में कांग्रेस ने मंगलवार को भी निर्णय नहीं लिया। हरक सिंह के तेवर मंगलवार को और ढीले पड़े। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की माफी मांगने की शर्त को स्वीकार कर उन्होंने कहा कि वह सौ बार माफी मांगने को तैयार हैं। हालांकि, हरीश रावत के 2016 में उनकी सरकार गिराने के लिए लोकतंत्र का गुनहगार बताए जाने को उन्होंने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह गुनहगार नहीं, बल्कि लोकतंत्र के संरक्षक हैं। हरक सिंह बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो सकते है।
कांग्रेस में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की वापसी पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत की आपत्ति के बाद पेच फंसा हुआ है। 2016 में बगावत कर उनकी सरकार गिराने को लेकर हरीश रावत के तीखे तेवरों में अभी कमी नहीं आई है। वह हरक सिंह रावत को लोकतंत्र का गुनहगार बताते हुए पहले माफी मांगने पर जोर दे चुके हैं। विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ी कांग्रेस ने अभी तक हरीश रावत की आपत्ति को तवज्जो दी है। रावत कह चुके हैं कि हरक की वापसी का फैसला सामूहिक होगा। मंगलवार को भी हरक सिंह रावत कांग्रेस में एंट्री का इंतजार करते रहे। पार्टी ने दो दिन बीतने पर भी इस मामले में पत्ते नहीं खोले।
उन्होंने कहा कि उनके माफी मांगने या झुकने से उत्तराखंड का भला होता है तो वह एक लाख बार झुकने को तैयार हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीति में अपने से कनिष्ठ तीरथ सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में काम कर सकते हैं तो हरीश रावत तो राजनीति और हर लिहाज से उनसे अनुभवी हैं। उनके नेतृत्व में काम करने में कोई हर्ज नहीं है।