दिल्ली में ठेकेदरी प्रथा का अंत, सीधे सरकार देगी वेतन

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दिल्ली। दिल्ली सरकार में आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए भर्ती हुए कर्मचारियों का काँन्ट्रैक्ट अब सीधे विभागों के साथ होगा। दिल्ली एडवाइजरी काँन्ट्रैक्ट लेबर बोर्ड ने फैसला लिया है अब दिल्ली सरकार के विभाग ही काँन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की सीधी भर्ती कर सकेंगे। दिल्ली सरकार में काम करने वाले ये कर्मचारी अब डिपार्टमेंट के दायरे में आएंगे।

श्रम मंत्री गोपाल राय ने बताया कि काँन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों कि स्थिति में सुधार के लिए सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है। विभागों से काँन्ट्रैक्ट होने के बाद इन कर्मचारियों को पूरा वेतन मिल सकेगा। साथ ही श्रम कानूनों के अंतर्गत पीएफ समेत दूसरी सभी सुविधाएं भी उन्हें अब आसानी से मिलेगी। दिल्ली सरकार ने विभागों में आउटसोर्सिंग को खत्म करने के लिए यह फैसला किया गया है।

श्रम मंत्री ने बताया कि आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिलने की शिकायतें मिलती रहती है। विभागों द्वारा डायरेक्ट भर्ती किए जाने से पूरा वेतन कर्मचारी के अकाउंट में जाएगा और पीएफ भी जमा होगा। उन्होंने बताया की इससे सरकार को भी आर्थिक फायदा होगा और विभागों को एजेंसी को हर महीने कमिशन और जीएसटी नहीं देना होगा। बौर्ड के फैसले के बाद अब कैबिनेट नोट तैयार होगा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद फैसले को लागू किया जाएगा।

गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों में लेबर वेलफेयर आँफिसर की नियुक्ति होगी । ये आँफिसर सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली सरकार के फैसले को ठीक तरह से लागू किया जाए और कर्मचारियों की शिकायतों को भी सुनेंगे। इससे विभागों में दूसरे अधिकारियों को अतिािरक्त कार्य से राहत मिलेगी। अभी अस्पतालों में एक डाॅक्टर की जिम्मेदारी होती है कि वे काँन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की हाजिरी को देखता है, इसी तरह से दूसरे विभागों में भी ड्यूटी लगाई जाती है लेकिन अब वेलफेयर आँफिसर इन सब कामों को देखेंगे। श्रम मंत्री ने बताया कि पिछले साल 13 सदस्यीय बार्ड बनाया गया था और तीन एजेंडे तय किए गए थे। अब समान काम के लिए समान वेतन और काँन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पक्का करने के लिए बोर्ड जरूरी कदम उठाएगा ।

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