कोरोना संक्रमण के कारण उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भले ही बंद हो, लेकिन रोमांच के शौकीन पर्यटक बेझिझक हिमालय की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। दुनिया के सबसे ऊंचे ट्रेक में शामिल कालिंदी खाल-बदरीनाथ ट्रेक के लिए गुरुवार को कोलकाता का एक दस सदस्यीय दल रवाना हुआ है।
दल में एक महिला ट्रेकर भी शामिल हैं। 15 सितंबर तक ट्रेक रूट को पार करना दल का लक्ष्य है। उत्तरकाशी जिले में कोरोना का असर पर्वतारोहण और ट्रैकिंग गतिविधियों पर भी पड़ा, जो अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है।
स्थानीय माउंटेनियरिंग व ट्रैकिंग कंपनी माउंट हाई विंड के सहयोग से कालिंदी खाल-बदरीनाथ (5940 मीटर) के लिए कोलकाता के ट्रैकरों का दल रवाना हुआ है। दल में अभिषेक दास, भाष्कर विश्वास, तपन कुमार, सुशांत मंडल, सुब्रत दत्ता, विश्वजीत दास, शंखदीप मंडल, तिथि पॉल शामिल हैं। कपिल सिंह व विपिन कुमार इनके गाइड हैं।
माउंटेनियरिंग व ट्रैकिंग कंपनी माउंट हाई विंड के निदेशक जयेंद्र राणा ने बताया कि कोरोना काल के बाद यह दल पहली बार कालिंदीखाल-बदरीनाथ ट्रेक पर जाएगा। इसमें ट्रैकर व गाइड सहित कुल 26 लोग शामिल हैं। बताया कि 29 अगस्त को रवाना हुए दल का लक्ष्य 15 सितंबर तक ट्रेक रूट को पार करने का है
उत्तरकाशी जिले में कालिंदीखाल ट्रेक गंगोत्री और बदरीनाथ धाम को जोड़ता है। करीब 90 किमी लंबा यह ट्रेक प्राकृतिक सुंदरता के साथ रोमांच से भरपूर है, जो गंगोत्री, गोमुख से शुरू होता है।ट्रेक पर ट्रैकर तपोवन, नंदनवन होते हुए भागीरथी समूहों की चोटियों के साथ शिवलिंग चोटी के दर्शन करते हैं। वासुकी ताल, कालिंदी खाल दर्रे से होते हुए घस्तोली, अरवा ताल होकर माणा बदरीनाथ पहुंचते हैं। उधर, उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री धाम में आसपास पहाड़ियों की ऊंची चोटियों पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई। यमुनोत्री धाम के आसपास कालिंदी पर्वत, सप्त ऋषिकुंड, गरुणगंगा आदि चोटियों पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई। ऊच्च हिमालयी क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिहाज से भी बर्फबारी अच्छी मानी जाती है।यमुनोत्री धाम के पुजारी आशुतोष उनियाल ने बताया कि पिछले दो दिनों से यमुनोत्री धाम में रुकरुक कर बारिश हो रही है। जिसके चलते यहां तापमान में काफी गिरावट आ गई है। धाम के आसपास पहाड़ियों पर बुधवार देर रात से बृहस्पतिवार सुबह तक बर्फबारी हुई।