नई दिल्ली।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के नाम का ऐलान हो चुका है। थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस के रूप में पद संभालेंगे। सीडीएस को तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। सेना प्रमुख रावत देहरादून के कैमरेन हॉल स्कूल से पढ़े हैं, जो गढ़ी कैंट छावनी के अंतर्गत आता है।
मंगलवार को जनरल बिपिन रावत थल सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने वाले हैं। सीडीएस फोर स्टार जनरल होगा और इनका का कार्यकाल तीन साल का होगा। जो अपने पद पर 65 साल की उम्र तक बने रहेंगे। हालांकि पहले यह 62 साल थी लेकिन सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया था। सीडीएस की नियुक्ति युद्ध में सिंगल प्वाइंट आदेश देने के नजरिए से भी काफी अहम है। इसका मतलब यह कि तीनों सेनाओं को एक ही आदेश जारी होगा। मालूम हो कि करगिल युद्ध के बाद बनी के। सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली रिव्यू कमेटी ने सीडीएस पद की सिफारिश की थी। कमेटी ने पाया था कि करगिल जंग के दौरान तीनों सेनाओं में तालमेल की काफी कमी थी। इसलिए सेनाओं के तालमेल के लिए एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की जरूरत है।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय ने सेना नियमों, 1954 में कार्यकाल और सेवा के नियमों में संशोधन किया है। मंत्रालय ने 28 दिसंबर की अपनी अधिसूचना में कहा है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ या ट्राई-सर्विसेज प्रमुख 65 साल की आयु तक सेवा दे सकेंगे। इसमें कहा गया, बशर्ते की केंद्र सरकार अगर जरूरी समझे तो जनहित में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सेवा को विस्तार दे सकती है। जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख पद से 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे। मौजूदा नियमों के अनुसार, तीन सेवाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या तीन साल तक सेवा दे सकते हैं।