नागरिकता संशोधन कानून को लेकर ओवैसी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, दायर की याचिका

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दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून बन जाने के बाद से देश में कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन जारी है। विपक्ष भी इसको लेकर विरोध कर रहा है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागिरकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। नागरिकता कानून को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की याचिका समेत 14 याचिकाएं दायर की जा चुकी है।

समाचार एजेंसी एएनआई से वकील निजाम पाशा ने कहा कि एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। बता दें कि संसद में भी ओवैसी ने इस कानून का विरोध किया था और बिल की कॉपी फाड़ी थी।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने उच्चतम न्यायालय में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के खिलाफ याचिका दाखिल की है। उन्होंने इस अधिनियम की वैधता को अदालत में चुनौती दी है।

कांग्रेस ने संसद में ही अधिनियम को शीर्ष अदालत में चुनौती देने का संकेत दिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि वह इस मामले को अदालत लेकर जाएंगे। इसका जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि संसद को मत डराइए कि उसके अधिकार क्षेत्र में कोई अदालत घुस जाएगी।

मुस्लिम लीग ने दाखिल की पहली याचिका
राज्यसभा से नागरिकता अधिनियम को बुधवार को मंजूरी मिली थी और गुरुवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने इसकी वैधता को लेकर उच्चतम न्यायालय में पहली याचिका दायर की। लीग का कहना है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है। उसने अदालत से विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द करने की मांग की है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल मुस्लिम लीग की तरफ से अदालत में केस लड़ेंगे।

महुआ मित्रा ने दाखिल की याचिका
तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की वैधता के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को याचिका दाखिल की। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने इसपर जल्दी सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने वकील से कहा है कि वह उल्लेख करने वाले अधिकारी के सामने इस मामले का उल्लेख करें।

पीस पार्टी ने दायर की रिट याचिका
वहीं पीस पार्टी ने भी उच्चतम न्ययालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ रिट याचिका दाखिल की है। इसके अलावा केरल के विपक्षी नेता रमेश चेन्नीथाला ने कहा, ’मैंने उच्चतम न्यायालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम के मामले में शामिल होने का फैसला लिया है क्योंकि यह संविधान का उल्लंघन है। केरल के लोग इस अधिनियम के विरोध में हैं।’

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