पैगंबर मुहम्मद पर खबर से भड़के दंगे ; लील ली 03 लोगों की जान ; कर्नाटक की राजधानी बैंगलूरू में कई क्षेत्रों में लगा कर्फ्यू

0
431

डीजे हल्ली एवं केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा है और शहर के अन्य हिस्सों में धारा 144 लगाई गई है। इस हिंसा में पत्थरबाजी की वजह से करीब 60 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस के वाहनों को आग के हवाले किया गया। हिंसा करने वाले लोगों का एक समूह एक बेसमेंट में दाखिल होकर वहाँ 200 से 250 वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

बेंगलुरु : कर्नाटक की राजधानी बैंगलूरू में मंगलवार को इस्लामिक भीड़ का आतताई चेहरा एक बार फिर देखने को मिला। अल्लाह-हू-अकबर और नारा-ए-तकबीर के नारों के बीच 1000 से भी अधिक मुस्लिमों ने एक पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया।

कर्नाटक के मंत्री सीटी रवि ने एक बयान में इस हिंसा में साजिश की आशंका जताते हुए इसके पीछे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का हाथ बताया है। बेंगलुरु पुलिस ने डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन पर हुई हिंसा मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार भी कर लिया है। मुज़म्मिल के अलावा, एक अन्य एसडीपीआई कार्यकर्ता अयाज़ भी दंगाइयों को उकसाने के लिए जाँच के दायरे में है।

बताया जा रहा है कि एक स्थानीय विधायक के किसी संबंधी ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर पैगंबर मुहम्मद को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। जिसके बाद समुदाय विशेष की भीड़ इतनी भड़क गई कि उन्होंने पहले उस विधायक के घर पर हमला बोला। फिर वाहनों में आग लगाई और बाद में थाने को ही जला डाला।

यह पहली बार नहीं है, जब पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी के बाद इस्लामिक भीड़ का ऐसा रूप देखने को मिला हो। इतिहास के पन्नों में ऐसे कई मामले दर्ज हैं, जब लोकतंत्र की दुहाई देने वाले समुदाय विशेष के लोग पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी सुनकर कानून को भूल गए और भीषण हिंसा को अंजाम दिया गया।

स्मरणीय है कि ये वही एसडीपीआई है, जिस पर दिल्ली दंगों में CAA विरोध प्रदर्शनों के दौरान यह आरोप लगा था कि इसके नेता हिंसा भड़काने में इस्लामिक कट्टरपंथी पीएफआई का सहयोग कर रहे थे। पीएफआई और एसडीपीआई नाम भले ही अलग हों, लेकिन इनके पीछे आइडलॉजी एक ही है।

हालाँकि, पीएफआई के कागजी दस्तावेज आतंकी संगठन सिमी से सम्बन्ध से इनकार करते हैं लेकिन ख़ुफ़िया एजेंसियाँ अक्सर खुलासा करती आई हैं कि पीएफ़आई की जड़ों में सिमी का जहर मौजूद है। एसडीपीआई पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया द्वारा शुरू की गई एक कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी है।

डीजे हल्ली एवं केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा है और शहर के अन्य हिस्सों में धारा 144 लगाई गई है। किसी भी प्रकार की हिंसा की आशंका के चलते शांति बनाए रखने के लिए आरएएफ, सीआरपीएफ एवं सीआईएसएफ की टुकड़ियाँ भी पहुँच रही हैं।

कमल पंत ने कहा कि इस हिंसा में पत्थरबाजी की वजह से करीब 60 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस के वाहनों को आग के हवाले किया गया। हिंसा करने वाले लोगों का एक समूह एक बेसमेंट में दाखिल होकर वहाँ 200 से 250 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा मामले की जाँच की जा रही है।

LEAVE A REPLY